लखनऊ,। अब ब्याहने की जल्दी नहीं…
प्रेम और ममता की मूर्ति को पूरी तरह गढ़ जाने दो…
योगी सरकार ने यूपी में बाल विवाह पर लगाम लगाई है। बेटियों के शोषण के खिलाफ पहली बार किसी राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। जिसकी गवाही पिछले चार सालों में कम हुए बाल विवाह के आकड़े दे रहे हैं। प्रदेश में ‘मिशन शक्ति’ अभियान का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बाल विवाह पर रोक लगाने की बात कही थी। बेटियों की सुरक्षा को लेकर सजग योगी सरकार की मुहिम यूपी में रंग ला रही है। महिला एवं बाल विभाग के आंकड़ों के अनुसार यूपी में साल 2019-20 में 446, साल 2020-21 में 358 और साल 2021-22 में 98 बाल विवाह रोके गए हैं।
प्रदेश में ‘मिशन शक्ति’ अभियान की सफलता के बाद इसके तीसरे चरण के तहत 75 जनपदों में बाल विवाह मुद्दे पर सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बता दें कि बाल कल्याण समिति, वन स्टॉप सेंटर ने बाल विवाह के मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने के साथ ही बाल विवाह के आंकड़ों में तेजी से गिरावट दर्ज कराने में भी कामयाब हुई हैं। इन संस्थाओं ने जनपदों में बाल विवाह के खिलाफ विशेष मुहिम शुरू कर ऐसे मामलों पर तेजी से लगाम लगाई है।
जागरूकता के चलते तेजी से दर्ज हो रहीं शिकायतें हो रहा त्वरित निस्तारण
बाल कल्याण समिति में अप्रैल 2017 से 2021 तक 87 बाल विवाह के मामलों की शिकायतें दर्ज की गई हैं जिसमें तीन मामलों में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा जबरन बाल विवाह कराने पर अभिभावकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और सभी 66 बाल विवाह को समिति द्वारा रूकवाया गया। जिला बाल संरक्षण ईकाई ने साल 2020 से अब तक बाल विवाह से जुड़ी 26 शिकायतें दर्ज की गई जिसमें सभी बाल विवाह मामलों का त्वरित निस्तारण जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा कराया गया। इन 26 बाल विवाह मामलों में से तीन मामलों में बालिग घोषित हुए बाकी तीन बेटियों को स्पॉन्सरशिप का लाभ दिलाकर उनको शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया।
मिशन शक्ति के सकंल्प से संवरेगा बेटियों का भविष्य
मिशन शक्ति अभियान के तहत 75 जनपदों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन संस्थाओं द्वारा किया जाएगा। जिसके तहत बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, सोनभद्र, सीतापुर, बलरामपुर, चंदौली, महाराजगंज, मिर्जापुर, ललितपुर, मेरठ समेत राजधानी के आस पास के क्षेत्रों में चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा बाल विवाह के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
कोविड में भी नहीं थमा जागरूकता अभियान
महिला बाल कल्याण विभाग कि ओर से यूपी में संस्थाओं ने कोरोना में भी जागरूकता कार्यक्रमों की रफ्तार नहीं थमने दी। वन स्टॉप सेंटर, चाइल्डलाइन, महिला शक्ति केन्द्र और जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा जनपदों में बाल विवाह के विरूद्ध ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 18 साल से पहले लड़की का और 21 साल से पहले लड़के का विवाह कराना बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत यह एक कानून गैर जमानती अपराध है। इसके साथ ही बाल विवाह में सहयोग देने और बाल विवाह कराने वाले दोनों ही दोषी माने जाएंगे।