ट्विटर के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी ने एक वीडियो इंटरव्यू में दावा किया था कि किसान आंदोलन के समय कुछ अकाउंट्स ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार की ओर से उन पर दबाव डाला गया था। इन अकाउंट्स से भारत सरकार की आलोचना की जा रही थी, जिसमें कुछ पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट भी शामिल हैं। अब भारत सरकार ने जैक डॉर्सी के दावों को पूरी तरह से खारिज किया है।
भारत सरकार ने कहा है कि जैक डॉर्सी भारत में ट्विटर को लेकर झूठ बोल रहे हैं और उनके दावे पूरी तरह से फर्जी हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा है कि शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है। डॉर्सी और उनकी टीम के तहत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, जैक डॉर्सी से एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया था कि क्या उन्हें विदेशी सरकारों द्वारा भी दबाव का सामना करना पड़ा है? इसके जवाब में डॉर्सी ने कहा कि भारत से उनके पास ऐसी ढेरों रिक्वेस्ट आई थीं, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर भारत सरकार का विरोध कर रहे ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने को कहा गया था। उन्होंने कहा, उन्हें ऐसा लग रहा था कि अगर ट्विटर इन अकाउंट्स को ब्लॉक नहीं करता है तो ट्विटर को भारत में बंद कर दिया जाएगा और भारत में ट्विटर कर्मचारियों के घर पर छापे मारे जाएंगे।
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भारत सरकार ने क्या जवाब दिया
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जैक डॉर्सी के आरोपों के बाद ट्वीट किया। उन्होंने कहा, शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है। डोर्सी और उनकी टीम के तहत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था। वास्तव में, वे 2020 से 2022 तक बार-बार कानून का पालन नहीं कर रहे थे और जून 2022 में ही उन्होंने अंततः अनुपालन किया। उन्होंने कहा, कोई जेल नहीं गया और न ही ट्विटर शटडाउन हुआ। डोर्सी के दौरान ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी।