पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सूबे की सत्तारुद्ध ममता सरकार और केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी के बीच एक तीखी जंग देखने को मिल रही है। इसी तीखी जंग में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पिसती नजर आ रही है। दरअसल, एक तरफ जहां केंद्र ने पश्चिम बंगाल के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर बम से हुए हमले की जांच एनआईए को सौंपी है। वहीं राज्य की तृणमूल सरकार इस जांच की अनुमति नहीं दे रही है।
ममता के मंत्री पर हुआ था बम से हमला
ममता सरकार के कैबिनेट मंत्री जाकिर हुसैन पर बुधवार रात मुर्शिदाबाद के निमतीता रेलवे स्टेशन पर बम से हमला किया गया था। इस मामले की जांच के लिए एनआईए पूरी तरह से तैयार है लेकिन राज्य सरकार की अनुमति न मिलने की इस आधिकारिक तौर पर जांच शुरू नहीं हो पा रही है।
इस बात की जानकारी देते हुए एनआईए के सूत्र ने बताया कि जाकिर पर हुए बम हमले के बाद से एनआईए की टीम ने पूरी परिस्थिति पर नजर रखी है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और अधिकारियों से कुछ दस्तावेज जरूर लिए गए हैं लेकिन अभी तक आधिकारिक जांच शुरू नहीं हुई है। इसकी वजह यह है कि एनआईए जांच के लिए राज्य गृह विभाग की अनुमति की जरूरत होती है और अभी तक ममता बनर्जी की सरकार ने ना तो जांच की अनुशंसा की है और ना ही अनुमति दी है। इसलिए आधिकारिक तौर पर जांच शुरू कर पाना संभव नहीं हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार रात कोलकाता के लिये ट्रेन पकड़ते समय मुर्शिदाबाद के निमतीता स्टेशन पर अपने समर्थकों के साथ मौजूद मंत्री जाकिर हुसैन पर रिमोट बम से हमला हुआ था। घटना में मंत्री के साथ साथ 26 लोग घायल हुए हैं। इनमें से कई लोगों के हाथ पैर और शरीर के अन्य अंग उड़ गए हैं।
ममता बनर्जी की सरकार ने घटना की जांच के लिए राज्य सीआईडी के एडीजी अनुज शर्मा के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। हालांकि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अलावा विपक्ष के नेताओं ने घटना की एनआईए जांच की मांग की है।
वारदात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी ने रेलवे की लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया था और कहा था कि घटना के समय स्टेशन पर अंधेरा था और कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। हालांकि रेलवे ने इस बात के संकेत दिए हैं कि मंत्री पर हमले तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी की वजह से हुई है।
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी ने किया मोदी सरकार की साजिश का खुलासा, कहा- नहीं मिलेगी कामयाबी
इस बीच एनआईए जांच की सुगबुगाहट तेज हो गई थी। चूंकि बम ब्लास्ट रेलवे परिसर के अंदर हुआ है इसलिए एनआईए ने पूरी परिस्थिति पर नजर जरूर रख रही है लेकिन साजिशों पर से पर्दा हटाने और पूछताछ के लिए अभी तक राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिली है।