म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन में डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं।यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसेन के डॉ यू जॉवाई जो ने बताया कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में लोगों को चिकित्सीय मदद उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा केंद्र बनाने की योजना है। यह डॉक्टर्स लोगों को चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराएंगे।

इन केंद्रों में तैनात डॉक्टर्स और वॉलंटियर्स कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करेंगे। वर्तमान में केवल सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कई अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है, क्योंकि अधिकतर कर्मचारी सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हो गए हैं। डॉक्टर यू जॉ वई ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए कोरोना ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित किया जाना बहुत जरूरी था।
यह भी पढ़ें: जर्मनी में बाओनटेक ने कोरोना वैक्सीन प्लांट में शुरू किया उत्पादन
इससे पहले मंडाले से संबद्ध चिकित्साकर्मियों ने 03 फरवरी को सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया था। इसके बाद से कई सरकरी कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल हुए। यंगून, मंडाले, पेथियन, म्यूजे, सगैंग में नए मरीजों की भर्ती नहीं हो रही है। इससे पहले स्वास्थ्य और खेल मंत्रालय की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया था कि वह सभी चिकित्साकर्मियों के काम की सराहना करते हैं, साथ ही सभी कर्मचारियों से अपने काम पर लौटने का आग्रह भी किया गया।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine