उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता कल्याण सिंह के निधन को लेकर सियासी गलियारों में मातम पसरा हुआ है। उनके अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी के दिग्गजों के साथ ही राजनीति जगत के लोगों का तांता लगा हुआ है। हालांकि, अब कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा पर राजनीति शुरू हो गई है। कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा से मुलायम सिंह या अखिलेश यादव नहीं पहुंचे, जो बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक को नागवार गुजरा है।
कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा की वजह से घिरे अखिलेश-मुलायम
कन्नौज के बीजेपी सांसद ने कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन न करने को लेकर मुलायम और अखिलेश पर हमला बोला है। पाठक ने कहा कि इससे बाबू जी के कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर मुलायम सिंह और अखिलेश यादव कल्याण सिंह के आखिरी दर्शन कर लेते तो सपा के पाप धुल जाते। इसके साथ ही उन्होंने इसे सपा की तालिबानी मानसिकता करार दिया है।
सुब्रत पाठक सोमवार को ट्वीट कर लिखा कि हिंदू हृदय सम्राट स्व बाबू कल्याण सिंह जैसे जनप्रिय नेता को अगर मुलायम सिंह और अखिलेश यादव श्रद्धांजलि और सम्मान नहीं देंगे… तो इससे बाबू जी के कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन हां ये सच है कि अगर लखनऊ में ये दोनों कल्याण सिंह जी के आखिरी दर्शन कर लेते तो इससे कार सेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता, लेकिन विनाशकाले विपरीत बुद्धि… और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है।
बता दें, कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार रात लखनऊ के एसजीपीजीआई में निधन हो गया था। कल्याण सिंह 89 वर्ष के थे। वह 4 जुलाई से लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती थे। कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर रविवार को अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ में उनके आवास, विधान भवन और भाजपा कार्यालय में रखा गया। लखनऊ में कल्याण सिंह के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्टीय अध्यक्ष मायावती समेत कई नेता पहुंचे, लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कल्याण के आवास पर श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे।