पंजाब की रोपड़ जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को आखिरकार उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी के बांदा जेल में पहुंचा दिया है। सावधानी इतनी कि करीब 16 घंटे के सफर में यूपी पुलिस के चहेरे पर लम्बी यात्रा व थकान की झलक जरा भी नहीं दिखी। मुख्तार को बांदा लाने वाली पुलिस टीम जोश और आत्मबल से पूरी तरह लबरेज रही। जेल के अंदर ले जाने से पहले गेट पर मुख्तार के सामान की एक बार फिर जांच की गई।
मुख्तार अंसारी का काफिला चार जगह रुका
उत्तर प्रदेश की पुलिस मंगलवार दोपहर दो बजकर 05 मिनट पर मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल से लेकर निकली। मुख्तार अंसारी को घेरेबंदी के साथ लाने के लिए यूपी से 100 पुलिसकर्मियों की टीम गई थी। इसमें एक डीएसपी, दो इंस्पेक्टर, छह एएसआई, 20 हेड कांस्टेबल, 30 कांस्टेबल, पीएसी की एक प्लाटून, जीपीएस से लैस वज्र वाहन, 10 पुलिस वाहन, डॉक्टर और एंबुलेंस शामिल थे। सभी आधुनिक हथियारों से लैस थे। यूपी एसटीएफ भी पूरी प्रक्रिया पर लगातार नजर रखे हुए थी।
बीहड़ की जगह लंबे रूट को पकड़ा
मुख्तार अंसारी के काफिले को पैलानी के रास्ते से बांदा ले जाया गया। भरुआ, सुमेरपुर, जसपुरा और पैलानी से बांदा का रूट चुना गया। सुमेरपुर से पैलानी का रूट केवल 35 किलोमीटर का है। रास्ता अधिक बीहड़ होने की वजह से इसके विपरीत पुलिस ने लंबे रूट से जाने को बेहतर समझा।
चार जगह रुका काफिला, पुलिस और पत्रकारों के बीच नोकझोंक
16 घण्टे के लंबे सफर में मुख्तार का काफिला चार जगह रुका। सबसे पहले मुरथल में पांच मिनट के लिये रुका था। इसके बाद फिरोजाबाद के आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के पास देर रात को मुख्तार का काफिला रुका। सीमा में प्रवेश करते ही वाहनों के चालक दल को बदला गया। कानपुर देहात के भोगनीपुर के पास कुछ मिनट के लिए वाहनों को रोका गया। भोगनीपुर घाटमपुर के बीच सड़क पर एक साथ कई छुट्टा पशुओं के आ जाने की वजह से वाहनों को रोकना पड़ा।
इसी तरह थाना सट्टी के पास अचानक एक बार फिर वाहन को रोका गया। इस दौरान एम्बुलेंस को थाने के अंदर ले जाया गया, जबकि पुलिस ने पत्रकारों को बाहर ही खड़ा रखा। वहां पत्रकारों और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली। 5 मिनट बाद वहां से मुख्तार को बांदा के लिए रवाना किया गया। इस दौरान सिकंदरा थानाक्षेत्र से सट्टी तक तीन बार काफिला रुका।
संकरा रास्ता, घने जंगल ने गाड़ियों की गति घटाई
मुख्तार अंसारी का काफिला कानपुर देहात के सट्टी थाने से होता हुआ कानपुर के घाटमपुर के पास से गुजरा। घाटमपुर से यह काफिला तिंदवारी, पिलानी, जसपुरा सुमेरपुर मार्ग होते हुए बांदा पहुंचा। घाटमपुर से बांदा के बीच की दूरी करीब 93 किलोमीटर है, लेकिन रास्ता संकरा और घना जंगल के कारण गाड़ियों की रफ्तार पहले की तुलना में काफी धीमी रही। इस वजह से थोड़ा अधिक समय लगा।
बांदा जेल को त्रिस्तरीय सुरक्षा में लिया गया
चित्रकूट मण्डल के आईजी रेंज के. सत्यनारायण के मुताबिक, मुख्तार अंसारी को रात में बांदा के सामान्य जेल में रखा गया। सुबह छह बजे के बाद उसे बैरेक में शिफ्ट किया जाना था। इस लिहाज से जेल को त्रिस्तरीय सुरक्षा में रखा गया है। जेल के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है। जेल में अतिरिक्त पुलिस बल को लगाया गया है। जेल के बाहर लोगों की भीड़ जुटने नहीं दी जा रही है। जेल के बाहर स्थानीय पुलिस के अलावा पीएसी को तैनात किया गया है। जेल के दो किलोमीटर की परिधि को सील कर दिया गया है। जेल की सुरक्षा को लेकर एडीजी जेल आनंद कुमार ने जेल अधीक्षक से फोन पर बातचीत की है।
15 नम्बर बैरक होगा मुख्तार का नया ठिकाना
बांदा जेल पुलिस के मुताबिक, मुख्तार अंसारी को बुधवार सुबह बैरक नम्बर 15 में शिफ्ट किया जाएगा। मुख्तार अंसारी इसके पहले भी इस बैरक में रखा जा चुका है। जेल में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी लेते रहे पल-पल की खबर
सर्वोच्च न्यायायल के आदेश के अनुसार मुख्तार अंसारी को 12 अप्रैल से पहले बांदा जेल में शिफ्ट किया जाना था। मंगलवार को दोपहर पंजाब पुलिस ने मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस के सिपुर्द कर दिया। कड़ी सुरक्षा में मुख्तार को लेकर यूपी पुलिस रवाना हुई। मुख्तार को सड़क मार्ग से लाया जाना था। खबर है कि इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं नजर बनाये हुए थे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाई लेबल मीटिंग कर मुख्यमंत्री ने दिशा निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी के आदेश पर मुख्तार के काफिले को सभी जिलों की पुलिस एस्कोर्ट करती रही।
पत्नी और भाई को सताया डर
मुख्तार अंसारी की पत्नी के बाद भाई अफजाल अंसारी ने भी बाहुबली विधायक की जान को खतरा बताया है। पत्नी आफशा ने पति की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई है। वहीं, भाई अफजाल ने कहा कि मुख्तार को दोबारा उसी जेल में रखा जा रहा है, जहां उसे मारने के लिए चाय में जहर दिया गया था। उन लोगों की नीयत ठीक नहीं है। हमें न्यायपालिका में पूरा विश्वास है।
जेल मैन्युअल के हिसाब से रहेगा मुख्तार
जिला कारागार मंत्री जय कुमार जैकी मंगलवार को एक निजी कार्यक्रम में बांदा पहुंचे थे। जिला कारागार में मुख्तार अंसारी को मिलने वाली वीवीआईपी सुविधा के बारे में सवाल पर मंत्री ने कहा कि जेल में जैसे आम बंदियों को रखा जाता है, वैसे ही बाहुबली को भी रखा जायेगा। उसे किसी भी प्रकार की कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं मिलेगी। जेल मैन्युअल के हिसाब से ही रहना होगा।
चार राज्यों में अंसारी पर 50 से अधिक मुकदमे
बाहुबली मुख्तार अंसारी का नेटवर्क पूर्वांचल के गाजीपुर के साथ-साथ पूरे यूपी, दिल्ली, पंजाब और बिहार तक फैला हुआ है। अंसारी पर हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, रंगदारी वसूलने, दंगा भड़काने, सरकारी और प्राइवेट संपत्तियों पर कब्जा, वसूली समेत कई गंभीर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन चार राज्यों के 12 जिलों में मुख्तार पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमा बाराबंकी जनपद में एंबुलेंस को लेकर कुछ दिन पहले ही दर्ज हुआ है।
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने बताई नेताओं के तृणमूल छोड़ने की वजह, किया बड़ा खुलासा
रंगदारी के मामले में पंजाब जेल में बंद था
पुलिस के मुताबिक, जनवरी, 2019 में रंगदारी वसूलने के मामले में पंजाब पुलिस मुख्तार अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर उत्तर प्रदेश से मोहाली लाई थी। उसे न्यायिक हिरासत में रोपड़ जेल भेजा गया था। दो साल में उत्तर प्रदेश की पुलिस आठ बार पंजाब गई। आरोप है कि पंजाब सरकार और मुख्तार की गठजोड़ के चलते हर बार यूपी पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के जरिए बाहुबली विधायक मुख्तार को यूपी लाने में यहां की पुलिस सफल रही।