बीते 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण के दौरान हुई जय श्रीराम की नारेबाजी का मुद्दा अब महाराष्ट्र में गूंज रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में यह मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। साथ ही सामना के संपादकीय में छपे लेख के माध्यम से शिवसेना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नसीहत भी दी है।
ममता बनर्जी को शिवसेना ने दी नसीहत
दरअसल, बीते 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में ममता बनर्जी के सामने जय श्रीराम के नारे लगाए गए थे। इस बात को लेकर ममता बनर्जी का गुस्सा फूट पड़ा था। और उन्होंने इसे अपना अपमान बताया था। साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम में भषण देने से भी इंकार कर दिया था।
इस घटना को लेकर शिवसेना ने सामना के माध्यम से आवाज उठाई है। सामना में इस घटना को बीजेपी की उकसाने वाली राजनीति करार दी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि केंद्र की मोदी सरकार की मदद से बीजेपी बंगाल में हिंसा और आतंक भड़काने का काम कर रही है।न इसके अलावा शिवसेना ने ममता बनर्जी को भी नसीहत दी गई है।
सामना में लिखा है कि बीजेपी ने ममता दीदी का ‘वीक पॉइंट’ पकड़ लिया है। प्रधानमंत्री के मौजूदगी में ममता को जय श्रीराम के नारे देकर उकसाया गया, अगर ममता बिना चिढ़े जय श्रीराम कहती तो दांव पलट जाता।
शिवनेना ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए सामना में लिखा कि स्वतंत्रा की लड़ाई में बंगाल, पंजाब और महाराष्ट्र का नेतृत्व सबसे आगे था। उसी तरह आज भी तीनों राज्य स्वाभिमान की लड़ाई में केंद्र सरकार से संघर्ष में आगे है। पंजाब के किसान दिल्ली के सीमा पर डटे है। पश्चिम बंगाल में घमासान शुरू है तो वही महाराष्ट्र पर हर रोज हमले किए जा रहे हैं। जो महाराष्ट्र में 2014 के लोकसभा चुनाव में हुआ वही आज बंगाल में शुरू है। जिनके खिलाफ़ लड़ना है उन्हीं के लोगों को फोड़ कर खुद की फौज बनाई जा रही है। जिस तरह महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के लोगों को फोड़ा वही पैतरा आज बंगाल में तृणमूल के लोगों के साथ इस्तमाल किया जा रहा है।
शिवसेना ने सामना के जरिए ममता बनर्जी को भी नसीहत दी गई है। सामना में लिखा है कि बीजेपी ने ममता दीदी का वीक पॉइंट पकड़ लिया है। प्रधानमंत्री के मौजूदगी में ममता को जय श्रीराम के नारे देकर उकसाया गया। अगर ममता बिना चिड़े सुर में सुर मिलाकर जय श्रीराम कहती तो दाव पलट जाता। लेकिन हर कोई अपने वोट बैंक बचाने में लगा है। इसीलिए सेक्युलरवाद और मुसलमानों का खुश करने से हिन्दू नाराज है। ऐसे में हिंदुत्ववाद के मुद्दे पर बीजेपी हिंसा भड़काने का काम कर रही है।
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सामना में लिखा कि इसीलिए ममता के मुख्यमंत्री होने के बावजूद दुर्गा पूजा विसर्जन पर बीजेपी का झूठा प्रचार सफल रहा और लोकसभा में बीजेपी ने 18 सीटें जीतीं। ये ममता दीदी के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर टैगोर जैसी दाढ़ी बढ़कर पीएम मोदी भी बंगाल पहुच रहे हैं। किसी भी तरह ममता बैनर्जी को हरा कर बीजेपी का झंडा बंगाल में लहराने की कोशिशें शुरू है। लेकिन वे याद रखे कि हिंदुस्थान का लोकतंत्र ट्रम्प छाप नही है।