राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाकर बुरी फंसी मोदी सरकार, हाईकोर्ट ने थमा दी नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर पद पर नियुक्ति मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने आठ सितम्बर को अगली सुनवाई की तिथि तय की है।

हाईकोर्ट ने स्वीकार की प्रशांत भूषण की याचिका

इसके पहले सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने जो याचिका दायर की है, उसी का कट एंड पेस्ट कर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। तब कोर्ट ने कहा कि कई लोग आपकी याचिकाओं की कॉपी करते हैं, इसमें नया क्या है। आपकी मांग क्या है। तब भूषण ने कहा कि हम इस याचिका में हस्तक्षेप करना चाहते हैं।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण के ही रास्ते पर हैं। ये एक खतरनाक बात है। याचिकाकर्ताओं को किसी की नियुक्ति को चुनौती देने की क्या जरूरत है। उन्हें इसकी प्रेरणा कहां से मिलती है। कोर्ट को उस अधिकारी को भी सुनना चाहिए, जिसकी नियुक्ति को चुनौती दी गई है। मेहता ने कहा कि प्रशांत भूषण ने याचिका की कॉपी मीडिया को शेयर की, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने वहां से ले लिया होगा। तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता बदरे आलम से पूछा कि क्या आपने प्रशांत भूषण की याचिका कॉपी की है। इस पर बदरे आलम ने नकारात्मक जवाब दिया। कोर्ट ने फिर उनसे पूछा कि क्या प्रशांत भूषण ने आपकी याचिका कॉपी की है। इस पर मेहता ने कहा की आलम ने प्रशांत भूषण की याचिका की कॉपी की है।

हाईकोर्ट में प्रशांत भूषण का कहना था कि मीडिया की मांग पर वे उन्हें याचिका की कॉपी उपलब्ध कराते हैं। इस पर कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। सुनवाई में भूषण ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है। इस मामले में न तो याचिकाकर्ता ने और न ही सरकार ने बताया कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस पर केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा था कि वे इस तथ्य को नहीं जानते थे। तब भूषण ने कहा था कि हमारा आरोप केंद्र सरकार के खिलाफ है। हमारी याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे और वे इस मामले को जानते थे

24 अगस्त सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया था। फिर 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई से मना किया था और दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वे दो हफ्ते में उसका निपटारा करें। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को हाईकोर्ट में अपनी बात रखने का निर्देश दिया था।

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उसके पहले 18 अगस्त को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका किसी और अदालत में भी लंबित है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि आप बताएं कि आपकी याचिका सुनवाई योग्य कैसे है।

याचिका दिल्ली के वकील बदरे आलम ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को उनके रिटायर होने से महज चार दिन पहले 27 जुलाई को की गई है। उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।