उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो एक चलते फिरते कॉल सेंटर के साथ से लोगों को करोड़ों का चुना लगा चुके हैं। बताया जा रहा है कि ये आरोपी लोगों को क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम कराने का झांसा देते थे। इसके लिए इन लोगों ने एक ट्रेवलर बस में चलता फिरता कॉल सेंटर बना रखा था। पुलिस ने इस गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि इस गिरोह की मास्टरमाइंड एक युवती है, जो अभी फरार है। इसके अलावा इस गिरोह छह और आरोपी भी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए आरोपियों के पास से ठगी में प्रयोग किए जाने वाले 20 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा और अन्य सामान बरामद किया गया है। गिरोह के सरगना समेत अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार देर रात इंदिरापुरम पुलिस ने चेकिंग के दौरान तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम सुशांत कुमार निवासी नंद विहार द्वारका दिल्ली, मूल निवासी तिरवेंद्रम केरला, अमन गोस्वामी निवासी राजनगर कॉलोनी लोनी बॉर्डर और सन्नी कश्यप निवासी विकास कुंज फरूखनगर थाना टीला मोड़ बताए हैं।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह लोगों को क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का लालच देकर उनसे रुपये ठगते हैं। गिरफ्तार तीनों आरोपी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर चुके हैं। पकड़े गए आरोपियों से 13 कीपैड मोबाइल फोन, सात एंड्रायड मोबाइल फोन, 30 बैटरी, बड़ी संख्या में क्रेडिट कार्ड धारकों के नाम और मोबाइल नंबर, चार चेकबुक समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे टेली कॉलिंग से क्रेडिट कार्ड धारकों को कॉल कर उन्हें रिवॉर्ड पॉइंट रिडीम करने का लालच देकर उनसे सारी डिटेल ले लेते हैं और इसके बाद आईमोबाइल पे, माई मोबाइल डॉट इन, लॉगिन कार्ड जैसे फर्जी पोर्टल बनवाकर उक्त डिटेल फीड कर देते हैं। इसके बाद फर्जी साइट और इंटरफेस के माध्यम से पॉइंट रिडीम करा लेते हैं। पॉइंट रिडीम करा लेने के बाद वे उन रुपयो को फर्जी नाम से बनाए गए खातों में ट्रांसफर करा लेते थे। इतना ही नहीं, वे क्रेडिट कार्ड के रिडीम पॉइंट से शॉपिंग भी करते थे।
पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वे ट्रेवलर बस को एक जानकार साथी के यूट्यूब चैनल की शूटिंग के नाम पर मंगाते थे। इसके लिए वह बस मालिक को प्रतिदिन दो हजार रुपये देते थे। बस का फरार चालक सुभाष गिरोह में शामिल और गिरफ्तार आरोपी अमन का मामा है, जबकि बस गोकलपुरी दिल्ली निवासी ध्यानचंद नामक व्यक्ति की है।
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड मोहननगर पर ही बस में बैठने के दौरान उनके मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लेते थे और उन्हें टेली कॉलिंग के लिए कीपैड व एंड्रायड मोबाइल फोन तथा अन्य जरूरी सामान दे देते थे। शाम को जैसे ही काम खत्म होता था तो उन्हें दिया गया सामान वापस लेकर उनके मोबाइल फोन वापस कर दिए जाते थे।
गिरोह के सदस्यों ने बताया कि फर्जी कागजात के जरिये रेंट एग्रीमेंट बनवाने के बाद फर्जी खाते और पैन कार्ड बनवाकर फ्रॉड के कार्य में प्रयोग करते थे। एसीपी इंदिरापुरम ने बताया कि गिरोह के लोग बीते दो से तीन साल के दौरान हजारों लोगों से दो से तीन करोड़ की ठगी कर चुके हैं। गिरोह के पकड़े गए लोगों को ठगी के पैसों में से एक निर्धारित प्रतिशित रकम के साथ ही प्रतिमाह ठीक-ठाक सैलरी भी दी जाती थी। बेरोजगार युवक गैंग में शामिल हो जाते थे।