देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को लेकर उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार के एक मंत्री ने विवादित बयान दिया है। दरअसल, योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि अबुल कलाम आजाद के हृदय में भारत और भारतीयता के प्रति कोई स्थान नहीं था। मौलाना आजाद के लिए ऐसी टिप्पणी करके उन्होंने एक विवाद को हवा दे दी है।
मौलाना आजाद के बारे में दिया विवादित बयान
बलिया में एक समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है। देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के हृदय में भारत और भारतीयता के प्रति कोई स्थान नहीं था। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने जब गुरु तेग बहादुर जी से आग्रह किया कि आइए हमारी रक्षा कीजिये, औरंगजेब की सेना हम पर इस्लाम कुबूल करने का दबाव बना रही है। गुरु तेग बहादुर गए तो औरंगजेब की सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उनके सिर को कलम कर दिया।
शुक्ला ने कहा कि उन तथ्यों को इतिहास से हटा दिया गया और जाहिर तौर पर पहले शिक्षा मंत्री के इशारे पर ऐसा हुआ। केवल वही चीजें दिखाई गई, जिनमें अकबर महान शामिल है, जबकि आईने अकबरी में और अकबर के समकालीन इस्लामी इतिहासकारों ने भी उसे कभी महान नहीं कहा।
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मौलाना आजाद का असली नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था। वह 1923 में 35 साल की उम्र में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में सेवा करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने। नए भारत में कोई भले ही कुछ भी कहे, आजाद पाकिस्तान बनने का विरोध करने वाले सबसे प्रमुख मुस्लिम नेता थे।