लखीमपुर-खीरी, 03 मार्च। विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय श्रवण जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जागरूकता कार्यक्रम किए गए।
जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसी के साथ-साथ मानव श्रृंखला बनाई गई व ओपीडी में विशेष रूप से डॉ. ललित द्वारा श्रवण समस्याओं से जुड़े हुए मरीजों का इलाज कर दवाइयां वितरित की गईं।
नोडल अधिकारी डॉ. रविंद्र शर्मा ने बताया कि जनमानस को बहरेपन के होने के कारणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इन कारणों में कान का संक्रमण, कान में मैल सिर या कान पर चोट हो सकते हैं। समय रहते इस पर ध्यान देने से और चिकित्सीय परामर्श लेने से सभी का इलाज संभव है। बहरेपन के रोग की बात करें तो इनमें खसरा, मम्पस (गलसुआ), मस्तिष्क ज्वर सहित अधिक शोर व दवा के दुष्प्रभाव से श्रवण शक्ति को नुकसान होना आदि शामिल है।
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इस दौरान जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी अग्रवाल ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में समस्या से भी बहरेपन की बीमारी हो जाती है। वहीं नवजात शिशु में भी इस समस्या के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अगर कारण की बात करें तो बच्चे के जन्म में कठिनाई एवं समय से पहले बच्चे का होना आदि शामिल है। समय रहते अगर इन्हें पहचान कर इलाज किया जाए तो बहुत कम समय में लाभ मिल जाता है। जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष रूप से डॉ. ललित द्वारा बहरेपन की समस्याओं से ग्रस्त रोगियों को देखा गया और दवाएं भी दी गईं।