उत्तर प्रदेश में नवंबर से शुरू होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले सपा ने बसपा के विधायकों में सेंध लगाकर जहां मायावती को बड़ा झटका दिया था। अब मायावती ने इन विधायकों को इनके करतूत की सजा सुनाते हुए ऐसा ऐलान किया है, जिससे सपा का बना बनाया खेल बिगड़ सकता है। दरअसल, मायावती ने बगावती तेवर अपनाने वाले पार्टी के बागी विधायकों के निलंबन की घोषणा की। साथ ही उन्होंने ऐलान भी किया है कि हम जैसे तो तैसा जवाब देंगे, इसके लिए हमें चाहे बीजेपी को वोट ही क्यों न देना पड़े।
राज्यसभा चुनाव को लेकर मायावती ने चली चाल
इस बारे में जानकारी देते हुए बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि एमएलसी के चुनाव में सपा के दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए पूरा जोर लगाएंगे। इसके लिए अगर हमें बीजेपी को वोट देना पड़ेगा तो हम देंगे। मायावती ने कहा कि 1995 के केस को वापस लेना हमारी बड़ी गलती थी। इसके साथ ही मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मेरी पार्टी ने फैसला किया था कि अगर अखिलेश यादव राज्यसभा चुनाव में अपनी पत्नी डिंपल यादव को मौका दे रहे हैं, तो बसपा उनका समर्थन करने के लिए तैयार है। सतीश चंद्र मिश्रा ने सपा नेता से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया और राज्य के सभी ब्राह्मण समुदाय के लोगों का अपमान है।
मायावती ने कहा कि सभी जानते हैं कि सपा शासन के दौरान माफिया, गुंडे राज्यों पर कैसे राज करते हैं। वे फिर से लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा के सात विधायक बागी हो गए हैं। माना जा रहा है कि सभी बागी विधायक जल्द ही सपा ज्वॉइन कर सकते हैं। इनकी मुलाकात अखिलेश यादव से हो चुकी है।
बसपा ने विधायक असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) , हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
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गौरतलब है कि यूपी असेंबली में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं जबकि 8 सीटें रिक्त हैं। भाजपा के पास फिलहाल 306 विधायक हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के पास 48, बसपा के पास 18, कांग्रेस के 7, अपना दल के पास 9 तथा ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं। जबकि 4 निर्दलीय तथा एक निषाद पार्टी से विधायक हैं।