पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव ने सूबे के सियासी गलियारों का माहौल खासा गर्म कर रहा है। इस चुनावी महासंग्राम में बीजेपी और सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस एक-दूसरे पर लगातार हमला बोले हुए हैं। इसी क्रम में इस बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है। इस हमले के लिए उन्होंने नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को हथियार बनाया है।
ममता बनर्जी ने लगाए गंभीर आरोप
दरअसल, सोमवार को एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को साम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल को दंगों की आग में झोंकना चाहती है। वो जेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। गांधी जी दंगों के वक्त शांति स्थापित करने के लिए जिस पश्चिम बंगाल के बेलियाघाट आए थे, आज उसी बंगाल को बदनाम किया जा रहा है। मुझे राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि चाहे अभिजीत बनर्जी हों या अमर्त्य सेन, इन लोगों का समाज में एक अलग स्थान है। हमारे शिक्षाविदों को निशाना बनाया जा रहा है। आज ये लोग खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले कई सालों में उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में एक शब्द नहीं बोला, लेकिन आज वो नेताजी की बातें कर रहे हैं। दिल्ली में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, हम उन किसानों के साथ हैं। हम मांग करते हैं कि सरकार वो तीनों काले कृषि कानून वापस ले।
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आपको बता दें कि अभी हाल ही में विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने कैंपस की जमीन का अतिक्रमण करने वालों की एक फेहरिस्त केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजी है। इस फेहरिस्त में अमर्त्य सेन का नाम भी शामिल है। इस मामले में पिछले हफ्ते ही ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन को चिट्ठी भी लिखी थी।