कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार (4 अगस्त,2022) प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से समन भेजने के तरीके पर सवाल उठाएं। उन्होंने कहा राज्यसभा में पूछा, “जब संसद सत्र चल रहा है तो वे मुझे कैसे बुला सकते हैं?” बता दें, ईडी ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में खड़गे को पूछताछ के लिए बुलाया था। इस मामले में ईडी पहले ही कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं जैसे सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है।
कल ईडी ने यंग इंडिया लिमिटेड के दफ्तर को सील किया था। यह वहीं कंपनी है, जो नेशनल हेराल्ड को चलाती है। खड़गे इस कंपनी के अधिकारिक प्रतिनिधि है और जब दफ्तर को सील किया गया था, तो वहां मौजूद नहीं थे।
विपक्ष के नेता खड़गे ने राज्यसभा में ईडी के समन भेजने पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे दोपहर 12:30 बजे ईडी के सामने पेश होना है। मैं कानून का पालन करना चाहता हूं, लेकिन क्या मुझे संसद सत्र के बीच में बुलाना उचित है?
खड़गे ने आगे कहा कि कल पुलिस के द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घर को घेर लिया गया था। क्या ऐसी स्थिति में लोकतंत्र जिंदा रहेगा? क्या हम संविधान के मुताबिक कार्य कर रहे हैं? हम डरने वाले नहीं हैं। हम इसके लड़ाई लड़ते रहेंगे।
खड़गे के इन आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि सरकार कभी भी कानून का पालन करवाने वाली किसी भी एजेंसी के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करती है। मुझे लगता है शायद कांग्रेस सरकार के समय ऐसी परंपरा रही होगी। आज के समय अगर कोई भी कुछ भी गलत कार्य करता है, तो कानूनी एजेंसियां अपना कार्य करने के लिए स्वतंत्र है।
मामला यंग इंडिया द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के 2011 के अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है, जिसमें यंग इंडिया ने एजेएल की संपत्ति में 800 करोड़ से अधिक की संपत्ति को ले लिया। इस पर आयकर विभाग का कहना है कि इससे यंग इंडिया के शेयरधारकों सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को लाभ पहुंचा है। इसे उनकी संपत्ति माना जाना चाहिए और कर का भुगतान किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने दावा किया है कि यंग इंडिया एक गैर-लाभकारी संस्था है, इसलिए शेयरधारक इसकी संपत्ति से कोई पैसा नहीं कमा सकते हैं।