पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कांग्रेस पर आरोपों की झड़ी लगा दी है. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी संविधान का सम्मान करने की बात तो करती हैं लेकिन गणतंत्र दिवस और संविधान का मजाक बना रखा है. ईडी ने जो सुखपाल खैहरा को आरोपी बनाया है उस मामले में उनके नशा तस्करों से संबंध है लेकिन वारंट होने पर भी उन पर कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही उन्होंने पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर गैंगस्टरों के साथ संबंध रखने का आरोप भी लगाया.
चंडीगढ़ में अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया. उन्होंने पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर गैंगस्टरों के साथ संबंध बताते हुए एक बार फिर आरोप लगाया कि जो डीजीपी गैंगस्टरों के साथ संबंध रखता हो वो प्रधानमंत्री की सुरक्षा से भी काम्परोमाइज कर सकता है और डीजीपी की संलिप्तता को लेकर एनआईए जांच होनी चाहिए.
उन्होंने पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और एक गैंगस्टर की एक कॉल रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए कहा कि डीजीपी ने प्रधानमंत्री के दौरे से कुछ दिन दिनों पहले एक गैंगस्टर से बात करते हुए कहा था कि अगले तीन-चार दिनों में मोदी को भी सबक सिखा देंगे.
बता दें कि पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध के मामले के वक्त सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पंजाब के कार्यकारी डीजीपी थे. उन्होंने कांग्रेस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, आर्म्स एक्ट में सिद्धू मूसेवाला पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन मजीठिया के लिए पंजाब में अलग कानून है.
मजीठिया को गिरफ्तारी से 3 दिन की सुरक्षा मिली
बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तारी से तीन की सुरक्षा प्रदान की है ताकि वह अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज करने के फैसले फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकें. न्यायमूर्ति लीजा गिल की अदालत ने सोमवार को मादक पदार्थ मामले में आरोपी मजीठिया की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थीं. मंगलवार को प्राप्त हुई आदेश की प्रति के मुताबिक अदालत ने कहा, ‘‘…याचिकाकर्ता को इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनैती देने के लिए तीन दिन का समय दिया जा रहा है.तब तक याचिकाककर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.’’
हालांकि, मजीठिया का पक्ष रख रहे वकील ने अदालत से अनुरोध किया था कि उनके मुवक्किल को सात दिन के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाए. अग्रिम जमानत अर्जी के खारिज होने को मजीठिया के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि अगले महीने होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए वह अमृतसर जिले के मजीठा विधानसभा सीट से शिअद के प्रत्याशी हैं.
स्वामी के जाने व आरपीएन के आने से गड़बड़ाया समीकरण फिर हुआ दुरूस्त
राज्य में 20 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए नामांकान की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हुई. मजीठिया (46) के खिलाफ पिछले महीने एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था.
उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी को उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और 12 जनवरी को जांच से जुड़ने का निर्देश दिया था. अदालत ने देश नहीं छोड़ने सहित कुछ शर्तें भी लगाई थीं. बाद में अंतरिम राहत की अवधि 18 जनवरी को बढ़ा दी गई थी. मजीठिया शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.