स्वामी के जाने व आरपीएन के आने से गड़बड़ाया समीकरण फिर हुआ दुरूस्त

कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में चले जाने के बाद निराशा के दौर से गुजर रही भारतीय जनता पार्टी के लिए पूर्व सांसद कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण (आरपीएन ) सिंह संजीवनी साबित होंगे। मंगलवार को दिल्ली में उनके भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पार्टी कार्यकर्ता मानने लगे हैं कि आरपीएन पुनः यूपी में भाजपा की सरकार बनाने में कुशल रणनीतिकार साबित होंगे।

आरपीएन सिंह के भाजपा में आने का असर कुशीनगर जिले की सात विधानसभा सीटों के अलावा महराजगंज, देवरिया व गोरखपुर जिलों की सीटों पर भी देखने को मिलेगा। इस स्थिति को लोग कांग्रेस के देश की राजनीति की मुख्यधारा से भटक जाने का परिणाम बता रहे हैं। आरपीएन के आने से भाजपाइयों में उत्साह दिख रहा है।

सौम्य छवि के राजनेता माने जाने वाले आरपीएन का जन्म पड़रौना राजपरिवार में 25 अप्रैल 1964 को हुआ। उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों की सीमा पर स्थित पड़रौना कुशीनगर जिले की प्रमुख नगरपालिका है। आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राजनीति में प्रवेश दिलाया था। इमरजेंसी में चुनाव में हार के बाद इंदिरा गांधी ने 1980 के लोकसभा चुनाव का प्रचार पड़रौना से शुरू किया। उस जनसभा का आयोजन आरपीएन के पिता ने ही कराया था। सीपीएन सिंह को तब इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में स्थान प्राप्त हुआ।

आरपीएन ने राजनीति विरासत में हासिल की है। उनका बचपन बोर्डिंग स्कूल में बीता। दून स्कूल में रहकर उन्होंने शुरुआती शिक्षा प्राप्त की। तब 14 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता से संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व बैंक में नौकरी करने की इच्छा जताई थी। दून स्कूल में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के जाने माने सेंट स्टीफेंस कॉलेज में एडमिशन लिया। सेंट स्टीफेंस से इतिहास में ऑनर्स करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए

भाजपा का चुनावी वार, प्लेकार्ड से प्रचार, स्लोगन वाला प्रचार आकर्षण

आरपीएन पड़रौना से तीन बार विधायक व एक बार सांसद रह चुके हैं। भाजपा की लहर में वह 2014 व 2019 का चुनाव हार गए थे। पड़रौना के कौशल नन्दन बताते हैं कि राजपरिवार में यह पहला अवसर है, जब किसी सदस्य ने कांग्रेस छोड़ दूसरी पार्टी (भाजपा)की सदस्यता ग्रहण की है। यह अनायास नहीं है। इससे साबित होता है कि कांग्रेस वाकई बुरे दौर से गुजर रही है। मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि आरपीएन के आने से जिले ही नहीं, वरन प्रदेश गड़बड़ाया भर का समीकरण दुरूस्त हो चुका है। कुशीनगर जिले में हाटा, कुशीनगर, सेवरही, फाजिलनगर, रामकोला, पड़रौना व खड्डा सीटों पर पार्टी कार्यकर्ता जीत का दावा करने लगे हैं।