अयोध्या के तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास एक बार फिर अनशन पर बैठ गए हैं। अपने पिछले अनशन की तरह उन्होंने अन्न जल छोड़ दिया है। उनका यह अनशन 12 अक्टूबर को शुरू हुआ जो आज भी जारी रहा। उन्होंने मांग की है कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए। आज परमहंस दास ने तपस्वी छावनी पर ही हिंदू राष्ट्र संकल्प पूर्ति राजसूय यज्ञ किया।
महंत परमहंस दास के अनशन को पांच दिन बीत चुके हैं। इस दौरान न तो अन्न ग्रहण किया है और न ही जल। इस दौरान महंत का वजन सवा दो किलो घट गया है। बीते बुधवार को महंत परमहंस दास का श्रीराम हास्पिटल की मेडिकल टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। हालांकि, उनके इस कठिन आमरण अनशन के बावजूद अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनसे मिलने नहीं पहुंचा है। इस वजह से उन्होंने शुक्रवार को उन्होंने जनप्रतिनिधियों की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया है।
यह पहला मौका नहीं है जब वह आमरण अनशन पर बैठे हों, आइल पहले वह 2018 में भी आमरण अनशन पर बैठ चुके हैं. तब उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर बनाने की मांग रखी थी. उस अनशन की वजह से उन्हें पीजीआई में भर्ती होना पड़ा था, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें जूस पिलाकर उनका अनशन ख़त्म करवाया था और राम मंदिर बनवाने का भी आश्वासन दिया था.
अपने इस अनशन के बारे में बीते दिन उन्होंने बताया था कि उनके द्वारा छह महीने पहले ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर अवगत कराया जा चुका है। कहा कि जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ और पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्र घोषित कर दिया गया। फिर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने में क्या आपत्ति है? अगर देश का बंटवारा धर्म के आधार पर नहीं हुआ तो बंटवारे का कोई औचित्य ही नहीं है। पाकिस्तान और बांग्लादेश का भारत में विलय करके अखंड भारत की घोषणा कर देनी चाहिए।