उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जिला सहकारी बैंक लिमिटेड ने किसानों के हित में एकमुश्त समझौता योजना चला रखी है। जिसके अंतर्गत किसान अपने विभिन्न ऋणों की अदायगी का लाभ उठा सकते हैं।
ऋणों की अदायगी में किसानों को दिया जा रहा लाभ
जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह तथा जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के सचिव चौधरी विनय कुमार ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वर्ष 1997 से पूर्व के फसली ऋणों में किसानों द्वारा लिए गए वास्तविक मूलधन में से बचे अवशेष मूलधन को जमा कराकर ओटीएस योजना का लाभ लिया जा सकता है। इसमें संपूर्ण ब्याज, दंड, दीगर एवं संग्रह शुल्क माफ हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1997 से 31 मार्च 2012 के मध्य वितरित फसली ऋणों में किसानों को दिए गए मूलधन के बराबर ब्याज की वसूली करके ओटीएस योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसमें मूलधन के बराबर ब्याज घटाने के बाद अवशेष ब्याज, दंड, दीगर एवं संग्रह शुल्क माफ किया जा रहा है। 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के मध्य वितरित 3 वर्ष से अधिक बकाया वाले फसली ऋणों में बकायेदार के ऊपर आयत ब्याज में 50 फीसदी की छूट देकर ओटीएस योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसमें ब्याज का 50 फीसदी, दंड ब्याज, दीगर एवं संग्रह शुल्क माफ हो रहा है।
सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक राजीव लोचन शर्मा ने बताया कि बैंक के 20 लाख रुपए तक के व्यक्तिगत एवं 10 करोड़ रुपए तक के संस्थागत बकायेदारों को बैंक के अभिलेखों में अशोध्य एवं संदिग्ध ऋणों की कैटेगरी डी-3 अथवा हानि की आस्ति के संबंध में दिए गए मूलधन से अधिक ब्याज, दंड ब्याज, दीगर एवं संग्रह शुल्क माफ किया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि एकमुश्त समझौता योजना सीमित समय के लिए लागू है। इच्छुक किसान शीघ्र अति शीघ्र अपनी निकटतम बैंक शाखा या सहकारी समिति से पूर्ण जानकारी प्राप्त कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।