उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एक समय था जब क्षय रोग को असाध्य रोगों की श्रेणी में गिना जाता था। चिकित्सा विज्ञान ने आज बहुत प्रगति की है और अनुसंधान के फलस्वरूप अब यह बीमारी असाध्य नहीं रह गयी। इसका पूरी तरह से उपचार किया जा सकता है। क्षय रोग फैलने का सबसे बड़ा कारण इस बीमारी के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव है।
राज्यपाल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश स्टेट टीबी सेल तथा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में 17 से 24 मार्च तक ‘टीबी जागरूकता सप्ताह’ के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने इस प्रकार के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज में जागरूकता उत्पन्न होती है।
एकजुट होने पर उप्र में पहले ही पूरा किया जा सकेगा टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
राज्यपाल ने बताया कि टीबी रोग की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट गोल के अन्तर्गत इस बीमारी को दुनिया से 2030 तक समाप्त किया जाना है। प्रधानमंत्री के 2025 तक के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अगर आप सभी लोग एकजुट हो जायेंगे तो उत्तर प्रदेश में यह लक्ष्य उससे पहले ही पूरा किया जा सकेगा।
प्रदेश में 25 हजार से अधिक क्षय रोग से ग्रस्त बच्चों को लिया जा चुका है गोद
राज्यपाल ने आह्वान किया कि प्रशासनिक अधिकारी, शैक्षिक संस्थान, स्वयं सेवी संस्थायें तथा उद्योगपति आदि 18 वर्ष से कम उम्र के क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लें और उनकी विशेष देखभाल करें ताकि ये बच्चे पूर्णतया रोग मुक्त होकर भविष्य में राष्ट्र के योगदान में अपना पूरा योगदान कर सकें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक प्रदेश में लगभग 25 हजार से अधिक क्षय रोग से ग्रस्त बच्चों को गोद लिया जा चुका है तथा इनको संस्थाओं एवं अधिकारियों द्वारा पुष्टाहार एवं उनके परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। इनमें से अब अधिकांश बच्चे स्वस्थ भी हो चुके हैं।
इस अवसर पर केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा क्षय रोग से ग्रस्त 22 बच्चों को गोद लिया गया। गोद लिये गये बच्चों ने राज्यपाल ने फल, मिठाई, गुड़, चना आदि वितरित किया।
हर किसी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता
कार्यक्रम में कुलपति लेफ्टीनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि देश के 40 प्रतिशत लोगों में क्षय रोग का बैक्टीरिया पाया जाता है। लेकिन, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को ही तीव्र गति से प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए हर किसी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता होती है।
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इस अवसर पर रेस्पाइरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष एवं स्टेट टास्क फोर्स (क्षय उन्मूलन) के चेयरमैन डॉ. सूर्यकांत, विश्वविद्यालय के प्रो-कुलपति प्रोफेसर विनीत शर्मा एवं स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ. संतोष गुप्ता सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।