मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को रामकथा पार्क में विगत 29 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा शुरू किये गये रामायण कान्क्लेव का समापन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भगवान राम सबके राम हैं और सभी हमारा भारत समाज राममय है। इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुये आज मैं इस कान्क्लेव का समापन कर रहा हूं। यह प्रदेश के 16 जनपदों में विभिन्न थीमों पर आधारित शुरू हुआ था। इसमें आम जनमानस में नई पीढ़ी में राम के प्रति तथा राम के चरित्र को आम लोगों के प्रति बताने के उद्देश्य से किया गया था कि नयी पीढ़ी भी इसे जाने।
मुख्यमंत्री ने संतों का लिया आशीर्वाद और मार्गदर्शन
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज आगामी तीन नवम्बर को होने वाले पंचम दीपोत्सव के तैयारी की समीक्षा करने आया हूं। इसी के कड़ी में इसका हम समापन कर रहे हैं। इस अवसर पर हम अयोध्या के पूज्य संतों का आशीर्वाद भी लेने आये हैं। उनका हमें सभी कार्यो में आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज अयोध्या के लिए रामायण कान्क्लेव का समापन एक और महत्वपूर्ण है। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को अफगानिस्तान के काबुल शहर की एक बालिका ने भगवान राम को अर्पित करने के लिए काबुल नदी का जल भेजा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी इसे आप रामलला के जन्मस्थान व गर्भगृह में अर्पित कर दिजिएगा। उसी को मैं भगवान रामलला का दर्शन करने के बाद गर्भगृह स्थान में अर्पित किया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या का अफगानिस्तान से गहरा सम्बंध है। हमारे अयोध्या की महाराजा दशरथ की एक महारानी एवं पूज्य भरत जी की माता कैकेयी अफगानिस्तान की थीं, केकय राज्य/गन्धार से सम्बंध था। जिनके पिता श्री अश्वपति का अनेक जगहों पर उल्लेख मिलता है। समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी द्वारा इस कार्यक्रम आयोजक अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
पर्यटन मंत्री ने रामायण कान्क्लेव पर दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक का साधु संतों को भी भेंट करें तथा रामायण कांक्लेव का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। रामायण कान्क्लेव के समापन अवसर पर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री एवं जनपद के प्रभारी मंत्री डा0 नीलकंठ तिवारी द्वारा रामायण कान्क्लेव पर विस्तृत प्रकाश डाला गया तथा संस्कृति विभाग का विशेष कार्यक्रम आम जनमानस को भगवान राम के चरित्र से जोड़ने का उद्देश्य बताया गया।
संतों का मुख्यमंत्री ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या के लगभग दो दर्जन से ज्यादा संतों को उनके स्थान पर जाकर सम्मानित किया। इसमें जिसमें दिगंबर अखाड़ा महंत सुरेश दास, श्री राम वल्लभा कुंज महंत राजकुमार दास, निर्वाणी अनी अखाड़ा महंत धर्मदास, लक्ष्मण किला महंत मैथिली रमण शरण , ना कहना नहीं मानते राम दास , जन्मेजय शरण, देवेन्द्र प्रसादाचार्य तथा आदि संतों को सम्मानित किया।
श्रीराम लला का मुख्यमंत्री ने किया दर्शन पूजन
मुख्यमंत्री इसके पूर्व श्रीराम लला का दर्शन पूजन किया। गर्भगृह का भी अवलोकन किया एवं उस स्थल पर काबुल से आये हुये जल को अर्पित किया। कहा कि आतंकवाद से जूझ रहे अफगानिस्तान के बीच से यह बच्ची द्वारा जेल भेजा गया। यह जल अफगानिस्तान की सभी बेटियों की तरफ से प्रेषित जल है तथा सभी को इसकी भावना का सम्मान करते हुये मानवता की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए और भगवान राम हमेशा ही मानवता की रक्षा करने के लिए आगे आये है।
एक नवम्बर तक दीपोत्सव के हो जाएंगे सभी कार्य
मुख्यमंत्री योगी ने रामकथा पार्क व संग्रहालय में दीपोत्सव के तैयारियों की समीक्षा की। सभी तैयारियां एक नवम्बर यानि की सोमवार तक पूरा करने के निर्देश दिये गये।
पर्यटन विभाग ने कराया है रामायण कांक्लेव
रामायण एवं रामकथा की व्याप्ति सम्पूर्ण विश्व में है जिसके असंख्य अनुयायी मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के द्वारा स्थापित आध्यात्मिक, नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों का अनुकरण कर अपना पथ प्रशस्त करते हैं और अपने भविष्य की आधारशिला भी रखते हैं। रामकथा की इसी वैश्विक व्याप्ति के दृष्टिगत उप्र पर्यटन विभाग द्वारा गत वर्ष से रामायण कान्क्लेव के आयोजन का क्रम प्रारम्भ किया था। जिसे इस वर्ष संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या शोध संस्थान द्वारा उप्र के 16 प्रमुख शहरों में श्रृंखलाबद्ध आयोजनों के माध्यम से मूर्त रूप प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
पूरे प्रदेश में रामायण कान्क्लेव का हुआ आयोजन
रामायण कान्क्लेव अयोध्या से प्रारम्भ हुई यह सांस्कृतिक एवं बौद्विक यात्रा गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विंध्याचल, चित्रकूट, ललितपुर, श्रृंगवेरपुर, बिठूर, बिजनौर, बरेली, गाजियाबाद, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, सहारनपुर तथा लखनऊ से होते हुये पुनः अयोध्या में इस कान्क्लेव का समापन रविवार को संपन्न हुआ।
रामायण कांक्लेव दो हजार कलाकारों ने की प्रस्तुति
आयोजन में लगभग दो हजार कलाकारों, सैकड़ों साहित्यकारों व मानस मर्मज्ञों एवं कवियों ने रामकथा के विभिन्न पहलुओं पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, संगोष्ठी व परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन आदि में प्रतिभाग किया। रामायण काम्क्लेव में प्रातः कालीन सत्र में विशिष्ट कथा वाचकों एवं रामायण पर अधिकृत विद्वानों के साथ रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर सारगर्भित व्याख्यान एवं विचार विमर्श हुये। सायंकालीन सत्र में रामायण एवं रामकथा से संबंधित उत्तर प्रदेश के पांच सांस्कृतिक अंचलों-अवध, पूर्वांचल, बुंदेलखण्ड, ब्रज एवं पश्चिमांचल की लोक एवं शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां सम्पन्न हुई। साथ ही रामलीला एवं लोक बेलियों के कवि सम्मेलनों के माध्यम से रामकथा के विभिन्न संदर्भो को भी प्रस्तुत किया गया।
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अशर्फी भवन में श्री धराचार्य से की मुलाकात
अयोध्या के अशर्फी भवन पीठाधीश्वर जगतगुरू श्रीधराचार्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अशर्फी भवन जाकर मुलाकात की एवं आर्शीवाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री के भ्रमण के साथ उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना डॉ. नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर पुलिस महानिदेशक एसएन सावंत, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक कविन्द्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी नितीश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय, नगर सहित अन्य शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।