पंजाब नेशनल बैंक के साथ हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को लंदन हाईकोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी है। लंदन हाईकोर्ट ने यह अनुमति मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर दी है। हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए इस फैसले को मोदी सरकार की कोशिशों पर लगा बड़ा झटका करार दिया जा रहा है।

लंदन हाईकोर्ट ने सुनाया यह फैसला
कोरोना प्रतिबंधों के कारण लंदन हाईकोर्ट के जस्टिस ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि मोदी के वकीलों की दलीलों से लगता है कि नीरव अवसाद से ग्रस्त है और उसके आत्महत्या करने की आशंका है। इसके मद्देनजर अपील करने की अनुमति दी गई है।
लंदन हाईकोर्ट ने कहा कि नीरव पर सबूत गायब करने, गवाहों को डराने या मौत का कारण बनने के लिए आपराधिक धमकी के दो अतिरिक्त आरोप लगे हैं, जिन्हें सीबीआई ने मामले में जोड़ा है।
सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकीलों ने हाईकोर्ट में विधि विज्ञान मनोचिकित्सक डॉ। एंड्रयू फॉरेस्टर की रिपोर्ट का जिक्र किया। फॉरेस्टर ने 27 अगस्त 2020 की रिपोर्ट में कहा था कि फिलहाल तो नहीं लेकिन नीरव में आगे आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ने का खतरा है।
आपको बता दें कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने मिलकर पीएनबी के साथ धोखाधड़ी की है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो मामले दर्ज किए हैं। 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
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नीरव मोदी को 20 मार्च, 2019 में लंदन में गिरफ्तार करने के बाद वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया था। यहां उसे जमानत नहीं दी गई और फिर उसी दिन वैंड्सवर्थ जेल भेज दिया गया। इसके बाद वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसकी दूसरी जमानत याचिका भी खारिज कर दी। फिलहाल वह लंदन की जेल में बंद है।
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