महिलाएं अपनी ताकत को पहचानें और समूह के साथ जुड़कर अपने जीवन और आजीविका को मजबूत आधार बनाएं। यह बातें सोमवार को कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ग्राम बमरौली, बिहका, फतेहपुरघाट, मातपुर में महिलाओं के समूहों की बैठक में कहीं।
उन्होंने बिहका गांव में महिला समूहों के साथ संवाद कर उनकी परेशानियों से रूबरू होने के पश्चात बताया कि मेरे नाना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री गुजरात के आनंद गांव गए थे, उनके साथ मेरी नानी भी थी। जो एक सामान्य नागरिक की तरह गांव में ही एक पटिया पर चादर बिछाकर सोए थे और रोटी व प्याज खाकर रात गुजारे। कोई नहीं जानता था कि प्रधानमंत्री है। सुबह उन्होंने महिलाओं को गाय दुहते देखा तो उन्होंने कहा कि जब एक महिला एक बाल्टी दूध निकालती हैं तो इस गांव में 70-75 महिलाएं मिलकर अगर दूध निकालकर बाजार में बेचेंगे तो जीवन और आजीविका दोनों ही बदल जाएंगे। वही एकजुट महिलाओं ने अमूल दूध कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर कार्य शुरू किया। आज अमूल दूध प्रोडक्ट को कौन नहीं जानता है। गुजरात की महिलाएं एकजुट होकर कार्य करने से उनके जीवन में उन्नति की क्रांति आ गयी है। उसी तरह शहर पश्चिमी की महिलाएं भी एकजुट होकर कार्य करें तो निश्चित तौर से आप अपनी शक्ति से जीवन का स्वरूप बदल सकती है।
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इससे पहले बमरौली गांव में निर्माणाधीन नाली व रोड का निरीक्षण किया। अभियंता को निर्देश दिया, कहा गुणवत्ता खराब होने पर ठीकेदार और सम्बंधित अधिकारी पर खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।
इस मौके पर रेखा मौर्या, प्रीति पटेल, अनीता कुमारी, मनीषा देवी, रामलोचन साहू, बलवंतराव, दीनानाथ कुशवाहा, रामनरेश पटेल, रामजी शुक्ला, पवन मिश्र, गौरव गुप्ता, सुधांशु पाठक, बाला पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।