देश के उत्तर पूर्व (North East) हिस्से में स्थित त्रिपुरा (Tripura) की राजनीति को लेकर बीजेपी (BJP) हाईकमान ने बड़ा फैसला लिया है. अगरतला की सत्ता में बैठे बिप्लब देब (Biplab Kumar Deb) को हटाकर डॉक्टर मणिक साहा (Manik Saha) को नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. बीजेपी विधायक दल की बैठक में साहा के नाम पर मुहर लगने के बाद वो कुछ ही देर में त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
कौन हैं माणिक साहा?
डॉ. माणिक साहा 6 साल पहले यानी साल 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. डॉ. माणिक साहा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. साहा को मुख्यमंत्री बनाने की वजह उनकी बेदाग छवि और पार्टी में उनके लगातार बढ़ते प्रभाव को बताया जा रहा है. बताते चलें कि माणिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं. उनकी छवि पेशेवर डॉक्टर से इतर एक इमानदार नेता के तौर पर भी होती है.
दो साल से संगठन संभाल रहे थे साहा
अगले साल 2023 में त्रिपुरा में विधान सभा चुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि साहा के शपथ ग्रहण के साथ त्रिपुरा में मंत्री से लेकर संगठन तक में बड़े फेरबदल हो सकते हैं. 2018 में हुए चुनावों में जीत के बाद जब बिप्लब देब को CM बनाया गया था. उसके बाद साहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाते हुए पार्टी ने संगठन की जिम्मेदारी दी गई थी. क्षेत्र की राजनीति को बड़ी बारीकी से समझने में माहिर माणिक ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालते ही बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं तक सीधी पहुंच बनाने पर जोर दिया था.
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बहुमुखी प्रतिभा के धनी
माणिक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी हैं. भारतीय जनता पार्टी में उनके बारे में कहा जाता है कि वो किसी भी खेमे के नहीं हैं इस वजह से भी उन्हें प्रदेश का सीएम बनाया जा रहा है. पिछले कुछ चुनावों में त्रिपुरा में पार्टी की जीत के पीछे माणिक की अहम भूमिका थी. वहीं कहा तो ये भी जा रहा है बिप्लब देब के खिलाफ पार्टी में कुछ असंतोष था इसलिए बीजेपी उनके चेहरे के साथ अगले चुनावों में नहीं जाना चाहती थी.