किसानों की महापंचायत के लिए सुबह से किसान जुटने लगे लेकिन किसानों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा। इको गार्डेन में जुटे किसानों की महापंचायत शुरू हो गयी है।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी तो ठीक है, मगर एमएसपी गारंटी कानून लागू होने पर ही आंदोलन वापसी की बात सोची जाएगी। किसान महापंचायत में लखनऊ आए राकेश टिकैत ने कहा कि यह उत्तर कोरिया नहीं है कि साहब ने एकतरफा निर्णय सुना दिया। न लागू करने से पहले बात की और न वापस लेने से पहले किसानों से मशविरा किया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां एकतरफा बात नहीं चलेगी। बिना किसानों से बातचीत के काम नहीं चलेगा।
प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक महापंचायत में हर मुद्दे पर बात होगी। राकेश टिकैत के अलावा मोर्चा के अन्य पदाधिकारी पंचायत में शामिल हैं।
किसानों ने संसद में कानून वापसी के अनुमोदन होने तक जहां आंदोलन जारी रखने की बात कही है तो वहीं एमएसपी पर भी गारंटी कानून बनाने की शर्त रखी है। किसान बार-बार इस बात को कह रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी सबसे अहम है और यह मांग काफी पुरानी है। महापंचायत में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने की तैयारी है।
बूथ अध्यक्षों को जीत का मंत्र देने कानपुर आ रहे भाजपा अध्यक्ष नड्डा
महापंचायत में किसानों की संख्या तो ठीक है लेकिन किसानों में आंदोलन को आगे बढ़ाने के प्रति उत्साह नहीं दिखा। कई किसान यह कहते हुए सुने गये कि अब इसे आगे बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं दिखता, क्योंकि हमारी मुख्य मांग मान ली गयी है और हम आगे कुछ भी करते हैं तो राजनीतिक हो जाएंगे।