कृषि कानूनों के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है। इसकी वजह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की वजह अपील है, जो उन्होंने कोरोना संक्रमण की वजह से किसानों से की है। दरअसल, उन्होंने किसानों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को को ध्यान में रखते हुए अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले ले। साथ ही उन्होंने किसानों से इस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में सरकार की मदद करने की भी अपील की।
खट्टर ने किसानों से की अपील
खट्टर ने अपील करते हुए कहा कि समय की आवश्यकता को समझते हुए, जो किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, उन्हें तुरंत अपना आंदोलन बंद कर देना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वायरस की श्रृंखला टूट जाए। उन्होंने कहा कि यह मानवता का सबसे बड़ा संकट है, इसलिए हम सभी को मिलकर लड़ना होगा। यह महामारी किसी व्यक्ति, शहर या वर्ग तक सीमित नहीं है। यह पूरी दुनिया की लड़ाई है।
इसके पहले अभी बीते रविवार को खट्टर को किसानों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था। दरअसल, रविवार को खट्टर एकक कोविड अस्पताल का उदघाटन करने गए थे। वहीं किसानों ने भी पहुँचने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन किसानों ने उनकी बात न मानी, जिसके चलते उन्हें आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और बल प्रयोग करना पड़ा।
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इस घटना पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक ट्वीट किया है और इसकी निंदा की है। टिकैत ने लिखा कि हरियाणा में निहत्थे किसानों पर लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण है। किसान डरने वाले नही है। गाजीपुर बॉर्डर से हिसार के निकल चुका हूँ। आंदोलनकारी का रास्ता लाठी, गोली नहीं रोक सकती। टिकैत ने अपने एक बयान में कहा कि आताताई सरकार ने किसी को नहीं बख्शा है। अब दूसरे राज्यों में भी आंदोलन तेज होगा।