सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आरजी कर अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के कथित बलात्कार और हत्या से जुड़े मामले की सुनवाई करेगा।
इससे पहले रविवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर्स ने समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर शहर भर में मशाल जुलूस निकाला और आरजी कर अस्पताल के मारे गए डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की तथा अपने कार्यस्थलों पर बेहतर सुरक्षा की मांग की।
इसके अलावा, जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को मेडिकल कॉलेजों में पूर्ण रूप से काम बंद करने पर विचार करने की मंशा जताई, जो आगामी अदालती कार्यवाही के दौरान उनकी सुरक्षा के संबंध में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर निर्भर है।
सागर दत्ता अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार रात एक मरीज की मौत के बाद बाहरी लोगों द्वारा किए गए हमले के जवाब में मशाल और मोमबत्ती मार्च निकाला।
‘न्याय में देरी न्याय से वंचित होने के समान है’
आरजी कर कॉलेज एवं अस्पताल की चिकित्सक डॉ. श्रेया शॉ ने बताया कि विरोध प्रदर्शन की शुरुआत से ही उनकी मांगें एक जैसी रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी पाँच माँगें हैं जो अब तक पूरी नहीं हुई हैं। हमने यह सोचकर अपनी ड्यूटी शुरू की कि हमारे मरीजों को हमारी ज़रूरत है, लेकिन इस सब के दौरान सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक और ऐसी ही घटना घट गई।
डॉ.श्रेया शॉ ने कहा कि सीएम और सरकार के साथ हमारी सभी बैठकें बेकार गईं। हम बस इतना कहना चाहते हैं कि सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं। हमारी नज़र सुप्रीम कोर्ट की हर सुनवाई पर है और हमें दबाव बनाए रखना है।
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उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि सीजेआई ऐसा फ़ैसला सुनाएँगे जिससे हमें न्याय मिले। हम जल्द से जल्द न्याय चाहते हैं क्योंकि न्याय में देरी न्याय से वंचित होने के बराबर है।