उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में मोहम्मद अली जिन्ना को लाखों हिन्दुओं का हत्यारा बताया। उन्होंने कहा कि जिन्ना भारत का आदर्श कभी नहीं बन सकता है।
सदन में जिन्ना का नाम लेकर मुख्यमंत्री योगी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि जिन्ना का नाम सरदार पटेल के साथ लेना देश का बहुत बड़ा अपमान है।
दरअसल पिछले दिनों सपा मुखिया ने अपने एक संबोधन में महात्मा गांधी और सरदार पटेल के साथ जिन्ना के नाम का भी जिक्र किया था। उसी समय से योगी आदित्यनाथ इस मुद्दे को लेकर अखिलेश यादव पर हमलावर हैं।
सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने समाजवादी पार्टी पर डॉ भीमराव आम्बेडकर और बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के अपमान का भी आरोप लगाया। योगी ने कहा कि जिस समाजवाद की परिकल्पना डॉ राममनोहर लोहिया ने की थी, वर्तमान समाजवादी पार्टी (सपा) उससे बहुत दूर है। वर्तमान सपा को योगी ने बहुरुपिया समाजवाद का ब्रांड बताया। उन्होंने आतंकवाद समाजवाद, माफिया समाजवाद जैसे तमाम ब्रांड भी गिनाये।
नेता सदन के संबोधन के दौरान सदन में उनके और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के बीच कई बार तीखे संवाद भी हुए। जब योगी सपा पर तेज वार करते तो रामगोविंद अपनी सीट से उसका माकूल जवाब भी देते रहे। हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री ने रामगोविंद चौधरी की जमकर प्रशंसा भी की और उन्हें आज का सच्चा समाजवादी बताया।
मुख्यमंत्री के भाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। कल शुक्रवार को सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी और बजट व लेखानुदान पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी जाएगी। चूंकि अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव है। ऐसे में माना जा रहा है कि 17वीं विधानसभा का यह अंतिम सत्र है।
इससे पूर्व विपक्ष के हंगामे के बीच योगी सरकार ने आज 8479.53 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस दौरान वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) के लिए 1,68,903.23 करोड़ रुपये का लेखानुदान भी सदन में प्रस्तुत किया।
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उप्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र बुधवार को शुरू हुआ। पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। विपक्ष के सदस्यों ने सत्र के प्रथम दिवस भी लखीमपुर कांड को लेकर हंगामा किया था और वे सब धरने पर भी बैठ थे।