मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान, सघन मिशन इंद्रधनुष के तृतीय संस्करण और ई कवच मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से इंसेफलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता हासिल की है। अंतर्विभागीय समन्वय की ताकत को हम सब को समझना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित इस कार्यक्रम में कहा कि इंसेफलाइटिस पिछले 40-42 वर्षों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौनिहालों को निगल रहा था। अकेले पूर्वी उत्तर प्रदेश के केंद्र बिंदु गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही इस बीमारी से प्रतिवर्ष 1000-1200 बच्चों की मौत होती थी और जो लोग मेडिकल कॉलेज तक नहीं पहुंच पाते थे, उनकी संख्या भी लगभग इतनी ही थी।
उन्होंने कहा कि लगभग 40 वर्षों तक मौत का सिलसिला चलता रहा। वर्ष 2017 में प्रदेश में वर्तमान सरकार आने पर हम लोगों ने उस समय अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बना कर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा कर प्रारंभ किया। इसकी बदौलत आज जेई और एईएस को लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और प्रदेश के अंदर जो विशेष अभियान प्रारंभ हुए, उसके कारण बीमारी पर लगभग 75 प्रतिशत और मौत के आंकड़ों को नियंत्रित करने में 95 फीसदी सफलता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेई टीकाकरण का यह सबसे उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि जब हम लोगों ने पहली बार जेई टीकाकरण का प्रारंभ किया था, उस समय हमारे सामने चुनौती थी कि टीकाकरण कब होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उस समय हम लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि टीका को एक्टिवेट होने में हमेशा कुछ समय लगता है। वहीं जेई और एईएस के जो मामले पूर्वी उत्तर प्रदेश और प्रदेश के 38 जनपदों में देखने को मिले हैं, वह मध्य जुलाई से लेकर नवम्बर तक होते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम फरवरी-मार्च में ही टीकाकरण के कार्यक्रम को सम्पन्न कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 21 फरवरी को स्वास्थ्य विभाग जेई टीकाकरण के अभियान को लगातार चौथे वर्ष भी आगे बढ़ा रहा है। यह कार्यक्रम के स्वास्थ्य विभाग तक सीमित ना हो यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि हमारे साथ यहां पर जुड़े हैं। अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम के साथ जुड़े हैं। भारत सरकार का सहयोग हमें निरंतर प्राप्त हो रहा है अंतर्विभागीय समन्वय हमारी इस पूरे अभियान की सफलता का मूल मंत्र है।
उन्होंने कहा कि इंसेफलाइटिस में नियंत्रण होना तब सफल सम्भव हुआ, जब स्वच्छ भारत मिशन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खुले में शौच से मुक्ति का अभियान चला। आज उसका परिणाम है कि स्वच्छ भारत मिशन और उसके साथ ही जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल की योजना को भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर क्षेत्र क्षेत्र में स्वच्छता के साथ शुद्ध पेयजल की आपूर्ति बीमारी की समस्या का समाधान करने में बहुत बड़ी भूमिका निर्वहन करती है, हम सबको इसकी ताकत को महसूस करना होगा।
उन्होंने कहा कि सामान्य स्वच्छता के अभियान को भी नगर विकास और ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग ने बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ाया है। यही नहीं जन जागरूकता के कार्यक्रम में भी बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद, बाल विकास और महिला कल्याण विभाग ने हर एक स्तर पर जो अभियान चले हैं, आज उसका परिणाम सबके सामने है। उन्होंने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय की ताकत को हम सब को समझना पड़ेगा और उसको उसी रूप में आगे बढ़ाते हुए हमें जापानी इंसेफलाइटिस और इंसेफलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त करके दिखाना है कि हम लोग बिना किसी अतिरिक्त खर्च के कन्वर्जंस के माध्यम से बेहतरीन प्रदर्शन करके इस महामारी को पूरी तरह नियंत्रित करेंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ विभाग की टीम के साथ विभिन्न विभागों की मदद से इसमें लगभग 95 फीसदी तक सफलता प्राप्त की है, जो शेष पांच फीसदी है, उसके लक्ष्य को इस वर्ष हम पूरा कर सकें इस दृष्टि से आज का अभियान प्रारंभ हो रहा है। कार्यक्रम में नववाहित दम्पतियों को शगुन किट का वितरण भी किया गया।