लखनऊ।
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल देने के साथ ही जल जीवन मिशन की ‘हर घर घर नल योजना’ गांव व कस्बे के लोगों को रोजी-रोजगार से भी जोड़ने जा रही है। इसके लिए उसने कार्ययोजना तैयार कर ली है।
पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पूरी होने जा रही परियोजनाओं में करीब 30 हजार से अधिक लोगों को संविदा पर नौकरी पर रखा जाएगा। इतना ही नहीं गांव-गांव और कस्बों में जलापूर्ति व्यवस्था के संचालन के साथ फिटर, प्लंबर, मकैनिक और सिक्योरिटी गार्ड की भी भर्ती होगी। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को सशक्त बनाने के साथ उनको रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रदेश भर में जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना से 35 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे। इतना ही नहीं योजना में शुद्ध एवं स्वच्छ जलापूर्ति के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर मेंटीनेंस का जिम्मा संभाल रही कंपनियां हर जिले में 400 से 500 स्थानीय युवाओं की भर्ती करेंगी। स्थानीय लोगों को अपने गांव और कस्बे में ही फिटर, प्लंबर, मकैनिक और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिलेगी। बुंदेलखंड के सात जिलों में ही 2,500 से ज्यादा लोगों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर भी रोजगार दिया जाएगा। यह पहला मौका है जब सरकार प्रदेश में संचालित परियोजना से हजारों लोगों को रोजगार के अवसर देने जा रही है।
प्रदेश में परियोजना को पूरा करने के लिए वर्ष 2025-26 तक के लिए 22,808 करोड़ रुपये की राशि सरकार के पास उपलब्ध है। चार चरणों में पूरी होने वाली परियोजना में वर्तमान में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में योजना पर तेजी से काम चल रहा है। अगले चरण में वाराणसी, मथुरा, बलिया, गोरखपुर जैसे बड़े शहरों में भी योजना का काम शुरू होने जा रहा है। सरकार का प्रयास प्रदेश के 97 हजार गांवों में रहने वाले 2.63 करोड़ परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 में 78 लाख नल कनेक्शन देने की तैयारी तेजी से चल रही है। प्रदेश के 60,000 गावों में जल-आपूर्ति संबंधी कार्य दिसंबर 2021 से पहले पूरे भी होने जा रहे हैं। गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में चल रही इस योजना को 04 चरणों में पूरा किया जाना है। पहला चरण बुंदेलखंड में, दूसरा विंध्याचल, तीसरा इंसेफेलाइटिस व जापानी बुखार से पीड़ित क्षेत्र और चौथा फ्लोराइड और आर्सेनिक ग्रसित गंगा तटीय क्षेत्र में पानी पहुंचाना है।
ऐसे मिलेंगे युवाओं को रोजगार के अवसर
राज्य पेय जल स्वच्छता मिशन के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में हर 4 से 5 किलोमीटर पर ओवरहेड वाटर टैंक बनाये जायेंग, जिससे आस पास के गांवों में जलापूर्ति की जायेगी। जलापूर्ति की ज्यादातर व्यवस्था सेंसर आधारित आटोमोड होगी, लेकिन सप्लाई सिस्टम की देखभाल और मरम्मत के लिए फिटर, प्लंबर, मैकेनिक और सिक्योरिटी गार्ड रखे जायेंगे। 10 वर्षों तक जलापूर्ति व्यवस्था और ट्रीटमेंट प्लांट के देखभाल की जिम्मेदारी निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों के हाथ होगी। राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार कंपनियां स्थानीय लोगों को भर्ती कर जलापूर्ति व्यवस्था का संचालन करेंगी।
बुन्देलखंड
- जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर और महोबा में करीब 2185 करोड़ रुपये की लागत से 12 परियोजनाओं पर काम कर रही है। दिसम्बर माह तक सरकार की योजना एक करोड़ से ज्यादा आबादी तक स्वच्छ पेयजल की सप्लाई देने की है।
- पाइप लाइन बिछाने के साथ ही नदियों और डैमों के पानी को स्वच्छ करने की योजना पर भी काम हो रहा है। झांसी में 1627.94 करोड़ की 10 योजनाएं और ललितपुर में 1623.47 करोड़ की लागत वाली 16 सरफेस वाटर रिसोर्स और 12 भूजल (ग्राउंड वाटर) आधारित पाइप पेयजल योजनाओं पर काम चल रहा है। महोबा में 1219.74 करोड़ की लागत से 364 गांवों तक पानी पहुंचाने के लिये दिसम्बर माह तक का समय नियत किया गया है।
विंध्य क्षेत्र
- विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 17 परियोजनाओं के तहत कुल 162 पाइप पेयजल योजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिसमें 22 सतही जल आधारित योजनाएं एवं 140 भूजल आधारित योजनाएं हैं। इन योजनाओं में कुल 2,961 राजस्व ग्रामों के कुल 40,45,943 आबादी के लिए 6,69,508 क्रियाशील गृह जल संयोजन (एफएचटीसी) की व्यवस्था की जायेगी, जिससे कुल 6,69,508 घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी।
- परियोजना से विंध्य क्षेत्र के दो जिलों के आठ तहसीलों, 22 विकास खंडों के 1,236 ग्राम पंचायतों को लाभ पहुंचेगा। हालांकि योजनाओं को मार्च, 2022 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन सभी परियोजनाओं को दिसंबर 2021 तक पूरा किये जाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इन सभी परियोजनाओं में हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।