उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में 30 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक ‘भारत महोत्सव-2021’ की शुरूआत आशियाना स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में हो रही है। महोत्सव की थींम ‘आत्म निर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम’ है। इस 15 दिवसीय महोत्सव में उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित देश के 28 राज्यों की संस्कृति, हस्तशिल्प, लोक संगीत, नृत्य, खान-पान के अलावा वहां की और भी चीजें आने वाले लोगों को दिखाई पड़ेगी। महोत्सव में बच्चों की विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होगी। भारत महोत्सव का आयोजन प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में किया जा रहा है। इस बात की जानकारी सोमवार को संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
महोत्सव में इन राज्यों से आएंगे हस्तशिल्प
महोत्सव स्थल पर आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री सिंह ने बताया कि भारत महोत्सव मे 28 राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, तमिलनाडु एवं 8 केन्द्र शासित प्रदेशों अण्डमान- निकोबार, दादर नगर हवेली, दमन और दीव, लक्ष्यद्वीप, चंडीगढ़, दिल्ली और पुडुचेरी की कला संस्कृति, पर्यटन, हस्त शिल्प, देशी उत्पाद, वस्त्र, फर्नीचर, मसाले, हैण्डलूम-हैण्डी क्राफ्ट सहित अन्य चीजों के स्टाल आकर्षण का केन्द्र होंगे।
कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से होगा पालन
अध्यक्ष ने बताया कि भारत महोत्सव प्रदेश सरकार की ओर से जारी कोविड-19 प्रोटाकॉल के तहत आयोजित किया जाएगा।। महोत्सव में हर एक गेट पर टैम्पेचर चेक करने के बाद आगंतुक को सैनिटाइज करके ही प्रवेश दिया जायेगा। सावधानी बरतते हुए महोत्सव में बिना मॉस्क के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि संस्था के फेसबुक पर देश-विदेश के लोगों को महोत्सव से जोड़ा जायेगा। भारत महोत्सव से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए भारत महोत्सव के फेसबुक लिंक का प्रयोग सजीव प्रसारण के लिए किया जायेगा।
विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होंगी
अध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि महोत्सव में निःशुल्क भारत टैलेण्ट हण्ट-2021 का आयोजन किया जायेगा। जिसमें बच्चों व युवाओं की गायन, नृत्य, वादन, किड्स मॉडलिंग, मेंहदी, रंगोली, कबाड़ से जुगाड़, सिलाई, चित्रकला, निबंध लेखन, साइकिल रेस, खो-खो, कबड्डी, मिस्टर-मिस और मिसेज भारत प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। फन जोन में बच्चों के लिए तमाम तरह के आकर्षक झूले, खिलौने होंगे।
महोत्सव रत्न सम्मान से विभूषित होंगी विभूतियां
प्रेसवार्ता में ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एन.बी. सिंह ने बताया कि महोत्सव में देश के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली अनेक विभूतियों को भारत महोत्सव रत्न सम्मान से सम्मानित किया जायेगा, जिसमें महिलाएं, पुरूष और बच्चे भी शामिल किए जाएंगे। कोरोना वॉरियर्स को भी सम्मानित किया जायेगा।
कई प्रदेशों से आएंगे लोक कलाकार
उन्होंने बताया कि महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में रोजाना भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इनमें उत्तर प्रदेश का ख्याल नृत्य, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, धोबिया नृत्य, चरकुला नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, आल्हा-ऊदल गायन, राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, तेराताली नृत्य, गेर नृत्य, पंजाब का गिद्दा-भांगड़ा, हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार का जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, करमा नृत्य, महारास्ट्र का लावणी नृत्य, दसावतार और डिंडी नृत्य, गुजरात का गरबा नृत्य के साथ अन्य राज्यों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा, जादू, कठपुतली, बिरहा और आल्हा के कार्यक्रम होंगें।
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विभिन्न प्रदेशों को भोजन का मिलेगा स्वाद
एन.बी. सिंह ने आगे बताया की भारत महोत्सव के फूड जोन में राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इण्डियन, गुजराती, चाइनीज, अवधी-मुगलई के अलावा देशी बाटी चोखे के स्टाल आकर्षण के केन्द्र होंगे।
इलेक्ट्रानिक्स, आटोमोबाइल्स व अन्य सामान भी मिलेगा
भारत हस्तशिल्प महोत्सव में भारत के हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देने के लिए 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के हैण्डलूम हैण्डीक्राफ्ट्स, खादी ग्रामोद्योग, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रानिक समान, सहारनपुर का फर्नीचर, भदोही का कॉलीन, कश्मीर और लद्दाख में बने हुए गर्म कपड़े, शॉल, गुजरात की सिल्क की सड़िया व लहंगे, कानपुर का चमड़े का सामान, घरेलू सामानों और लघु इकाइयों के निर्मित अचार, पापड़, क्रॉकरी, मेवे व अन्य सामानों के स्टाल होंगे।