भारत और अमेरिका ने तालिबान से आग्रह किया है कि अफगानिस्तान आतंकवादियों के लिए पनाहगाह नहीं बनना चाहिए।
तालिबान से इसके पहले भी हो चुकी है बातचीत
दोनों देशों के अधिकारियों ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए परस्पर सहयोग बढ़ाने पर वार्ता की। भारतीय और अमेरिकी पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी आह्वान किया। इन आतंकवादी संगठनों में अल-कायदा, आईएसआईएस/दायेश, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन हैं।
इससे पहले 26 और 27 अक्टूबर को वॉशिंगटन में हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों और भारत सरकार के साथ खड़े होने पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
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उल्लेखनीय है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर 15 अगस्त को पूरी तरह से कब्जा कर लिया था। अमेरिका और भारत की ओर से जारी संयुक्त बयान में किसी भी रूप में हुई आतंकवादी घटनाओं की निंदा की गई है।