आने वाले नए साल 2023 में हिंदू संवत्सर का सावन महीना 30 दिनों की बजाय 60 दिनों का रहेगा। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि साल 2023 में पुरुषोत्तम महीना पड़ रहा है। पुरुषोत्तम महीना यानी एक माह दो बार पड़ता है। इसका शास्त्रों में काफी महत्व है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार कई बार दो तिथि एक ही दिन होती है और कई बार एक तिथि दो दिन पड़ती है। तिथियों की इस घट बढ़ के चलते एक साल में लगभग 11 दिन घट जाते हैं, यानी हिंदू संवत्सर का साल 354 दिन का होता है। इस तरह तीन साल में 30 से 33 दिन का अंतर आ जाता है। इस अंतर को पूरा करने के लिए हर तीसरे साल में हिंदू संवत्सर का कोई न कोई महीना दो बार पड़ता है। नए साल में सावन महीना दो बार पड़ेगा।
पर्व त्योहार 15 से 20 दिन आगे पीछे
सावन माह दो बार पड़ने से कई पर्व त्योहार 15 से 20 दिन आगे, पीछे मनाए जाएंगे। इस साल 2022 की तुलना में अगले साल 2023 में कुछ पर्व पहले और कुछ बाद में पड़ेंगे। सावन महीने के पहले पड़ने वाले त्योहार लगभग 15 दिन पहले आएंगे। सावन के बाद के पर्व 15 से 20 दिन बाद पड़ेंगे।
4 जुलाई से 31 अगस्त तक सावन
नए साल में सावन माह की शुरूआत 4 जुलाई से होगी और 31 अगस्त तक सावन महीना चलेगा। इस बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास होगा।
भगवान विष्णु शंकर की पूजा साथ साथ
चूंकि सावन में भगवान शंकर की पूजा और पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व है, और सावन में ही पुरुषोत्तम माह मनाया जाएगा, इसलिए शंकर और विष्णु की पूजा साथ साथ की जाएगी।
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पांच माह तक चातुर्मास
हर साल चातुर्मास चार माह का होता है, नए साल में सावन माह दो बार होने से चातुर्मास पांच माह का होगा। 29 जून को देवशयनी एकादशी चातुर्मास की शुरुआत होगी । चातुर्मास 23 नवंबर देवउठनी एकादशी तक चलेगा
त्योहार 2022 2023
शिवरात्रि 1 मार्च 18 फरवरी
होली 18 मार्च 8 मार्च
नवरात्रि 2 अप्रैल 22 मार्च
अक्षय तृतीया 3 मई 22 अप्रैल