नई दिल्ली। सर्दियों के दस्तक देते ही देश के कई हिस्सों में घना कोहरा छा जाता है, जिसका सबसे ज्यादा असर रेल यातायात पर पड़ता है। उत्तर भारत में तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि कई ट्रेनें घंटों की देरी से चलती हैं। इस वजह से यात्रियों को न सिर्फ असुविधा होती है, बल्कि उनकी यात्रा योजनाएं भी बिगड़ जाती हैं। हालांकि, इसी परेशानी के बीच भारतीय रेलवे ने यात्रियों को एक बड़ी राहत दी है, जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है।
भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी (IRCTC) के नियमों के मुताबिक, अगर किसी ट्रेन का प्रस्थान समय तीन घंटे या उससे ज्यादा लेट हो जाता है और यात्री सफर नहीं करता है, तो उसे टिकट का पूरा पैसा वापस मिल सकता है। यह नियम कन्फर्म टिकट के साथ-साथ आंशिक रूप से कन्फर्म टिकट पर भी लागू होता है। खास बात यह है कि ऐसे मामलों में रेलवे की ओर से कोई कैंसलेशन चार्ज नहीं काटा जाता।
पूरे रिफंड के लिए जरूरी शर्तें
पूरा रिफंड पाने के लिए यात्रियों को कुछ शर्तों का ध्यान रखना जरूरी है। पहली शर्त यह है कि जिस स्टेशन से ट्रेन पकड़नी थी, वहां ट्रेन तीन घंटे या उससे अधिक की देरी से पहुंचे। दूसरी शर्त यह है कि ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान से पहले आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन टीडीआर (TDR) फाइल किया जाए। तीसरी अहम शर्त यह है कि संबंधित पीएनआर पर दर्ज किसी भी यात्री ने यात्रा न की हो। यदि यात्री ट्रेन के लेट होने से पहले टिकट कैंसिल कर देता है या ट्रेन के रवाना होने के बाद टीडीआर दाखिल करता है, तो रिफंड नहीं मिलता।
ऐसे करें रिफंड के लिए आवेदन
रिफंड की प्रक्रिया काफी आसान है। इसके लिए यात्री को आईआरसीटीसी की वेबसाइट या ऐप पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद ‘बुक्ड टिकट हिस्ट्री’ में जाकर संबंधित टिकट चुनें। यहां ‘फाइल टीडीआर’ के विकल्प पर क्लिक करें और कारण में ‘ट्रेन लेट मोर दैन थ्री आवर्स’ सिलेक्ट करें। रिक्वेस्ट सबमिट करने के बाद आमतौर पर 5 से 10 कार्यदिवसों के भीतर रिफंड की रकम सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
यात्रियों के लिए बड़ी राहत
कुल मिलाकर, कोहरे के कारण ट्रेन लेट होना भले ही परेशानी भरा हो, लेकिन सही समय पर सही प्रक्रिया अपनाकर यात्री अपने पूरे पैसे वापस पा सकते हैं। ऐसे में सफर से पहले रेलवे के रिफंड नियमों की जानकारी रखना हर यात्री के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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