जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा के हालात यदि इतने अच्छे हैं तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा के अन्य नेताओं को जम्मू से लाल चौक तक पद यात्रा करनी चाहिए। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग एवं बम धमाके हो रहे हैं। यहां सुरक्षा के हालात यदि सुधर गए हैं तो भाजपा के नेता जम्मू से लाल चौक तक की यात्रा क्यों नहीं करते?
सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने पूछा कि स्थिति नियंत्रण में एवं सुरक्षित है तो अमित शाह जम्मू से लेकर कश्मीर तक यात्रा क्यों नहीं करते? राहुल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सुरक्षा के बारे में जो बातें कही जा रही हैं, उनका वास्तविकता से कोई लेना-देना है। बता दें कि कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में राहुल की सुरक्षा में सेंध लगने के आरोप लगाए हैं। गत शुक्रवार को राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उनकी सुरक्षा में लगी पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से ‘चरमरा’ गई और इसे देखते हुए उन्हें अपनी पदयात्रा ‘स्थगित’ करनी पड़ी। अनंतनाग के खानबल में एक मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा कि वहां पर बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई। ऐसे में यह जरूरी था कि पुलिस इस भीड़ को नियंत्रित करे।
‘उम्मीद से ज्यादा लोग आ गए‘
उन्होंने कहा, ‘आज सुबह, पदयात्रा के समय लोगों बड़ी संख्या में जुट गए। हम लोग यात्रा शुरू करने वाले थे लेकिन दुर्भाग्यवश पुलिस का बंदोबस्त पूरी तरह से चरमरा गया। पुलिस की जिम्मेदारी थी कि वह भीड़ को नियंत्रित करे और रस्सी को पकड़कर रखे लेकिन मौके पर कोई दिखाई नहीं दिया। मेरे साथ चलने वाले सुरक्षाकर्मी यात्रा पर आगे बढ़ने पर सहज नहीं थे। ऐसे में मुझे अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी।’ कांग्रेस के आरोपों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा कि यहां उम्मीद से ज्यादा लोग आ गए।
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यात्रा का आज होगा औपचारिक समापन
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समापन सोमवार को होना है लेकिन यह रविवार को ही अपने अंतिम दौर में पहुंच गई। प्रियंका गांधी के साथ राहुल गांधी ने श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया। यह यात्रा सोमवार को नेहरू पार्क रवाना होगी और यहां पर इसका औपचारिक समापन होगा। इस यात्रा की शुरुआत गत सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। यात्रा 12 राज्यों एवं दो केंद्रशासित प्रदेशों से होगर गुजरी और इसने करीब 3970 किलोमीटर की दूरी तय की।