महाराष्ट्र होमगार्ड विभाग के डायरेक्टर जनरल (डीजी) परमबीर सिंह का वेतन रोकने का आदेश गृह विभाग ने मंगलवार को होमगार्ड विभाग को दिया है। गृह विभाग की यह कार्रवाई परमबीर सिंह को फरार घोषित किए जाने का पहला कदम बताया जा रहा है। गृह विभाग की इस कार्रवाई से परमबीर सिंह की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
गृह विभाग की ओर से की जा रही जांच की कार्रवाई
महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे ने गृह विभाग के पास परमबीर सिंह सहित राज्य के 25 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निलंबन का प्रस्ताव भेजा था। इसी प्रस्ताव पर हो रही छानबीन में परमबीर सिंह के लगातार 5 महीने से गायब रहने की जानकारी प्रकाश में आई है। इसी आधार पर मंगलवार को गृह विभाग ने होमगार्ड विभाग को परमबीर सिंह का वेतन रोके जाने का आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इसके बाद मई महीने में ही उन्होंने छुट्टी ले ली थी। मई महीने से अब तक परमबीर सिंह गृह विभाग के संपर्क में नहीं है। 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले की जांच के लिए गठित चांदीवाल आयोग के समक्ष भी परमबीर सिंह उपस्थित नहीं हुए थे।
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परमबीर सिंह ने एक व्यक्ति के माध्यम से चांदीवाल आयोग के समक्ष शपथपत्र पेश किया था। इस शपथ पत्र में परमबीर सिंह ने कहा है कि वसूली मामले में उन्हें न कुछ कहना है और ना ही गवाही देनी है। जांच के बाद पता चला है कि यह पत्र चंडीगढ़ से भेजा गया है। गृह विभाग की ओर से इन सभी मुद्दों पर जांच करवाई जा रही है ।