मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और अन्य साधू-संतों ने सड़कों पर उतरकर सूबे के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के बंगले का घेराव किया। उन्होंने सरकार से मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने और और तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने वाले दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को विहिप के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने साधू संतों के साथ मिलकर ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने पहले मुख्यमंत्री आवास की ओर रुख किया लेकिन अचानक रास्ता बदलकर उन्होंने उपमुख्यमंत्री के बंगले का घेराव करते हुए अपनी मांगों को रखा और जमकर नारेबाजी की।
एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष केएल शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि देश शांति का टापू है, हिंदू भी शांत हैं। लेकिन ऐसी घटनाओं पर शांत नहीं रहेंगे। अगर सरकार द्वारा उनकी दोनों मांगें नहीं मानी गई तो हिंदू देश अशांत हो जाएगा।
शर्मा ने कहा कि पिछले 77 सालों से सरकार मंदिरों को लूटने का काम कर रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि हमारा धर्म, हमारा दान फिर नियंत्रण सरकारी क्यों? इस दौरान उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावटखोरी के मामले के दोषी को भी फांसी देने की मांग की।
उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर सरकार खुद कार्रवाई नहीं कर सकती तो आरोपी को हमारे हवाले करे। क्योंकि, शांत हिंदू हथियार उठाना और दंड देना भी जानता है।
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विश्व हिंदू परिषद ही नहीं, संत समाज ने भी मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। संतों का कहना है कि मस्जिद प्राइवेट और मंदिर सरकारी क्यों है ? मस्जिद में काजी को सरकारी आर्थिक लाभ और सरकार का अधिपत्य नहीं और मंदिर पर सरकार का अधिपत्य के साथ पुजारियों को कोई सरकारी लाभ नहीं है। संत समाज ने सवाल उठाते हुए कहा कि एक देश, दो धर्म, दो व्यवस्थाएं क्यों?
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