बल्क ड्रग फार्मा पार्क को बनाने में हिमाचल प्रदेश ने गुजरात और आंध्रप्रदेश को पीछे छोड़ दिया है। बीते दिन 5 सितम्बर यानी की मंगलवार को फार्मा पार्क निर्माण प्रगति की समीक्षा को लेकर वर्चुअल माध्यम से एक बैठक आयोजित हुई जिसमें केंद्र सरकार के सचिव औषध मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश की प्रसंशा की। हिमाचल सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी देने के बाद फार्मा पार्क के लिए ऊना की हरोली तहसील के पोलियां, टिब्बी, मल्लूवाल में करीब 1580 एकड़ जमीन कंपनी के नाम कर दी है, जबकि गुजरात और आंध्र प्रदेश में अभी जमीन का चयन जारी है।
इतना ही नहीं, हिमाचल ने हरोली में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए बिजली, पानी और सड़क पहुंचाने पर टेंडर करने के बाद काम शुरू कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि यह लगभग 6 महीने के अंदर हरोली में फार्मा पार्क का बुनियादी ढांचा जमीन पर दिखना शुरू हो जाएगा। आपको बता दे, इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अब हर 3 महीने बाद इस परियोजना की जांच समीक्षा की जाएगी और अगली बैठक के लक्ष्य निर्धारित होंगे। वर्चुअल बैठक में प्रधान सचिव उद्योग आरडी नजीम, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
केंद्र ने प्रोजेक्ट के लिए तकरीबन 1200 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है। पार्क में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होना है और लगभग 20,000 लोगों को इससे रोजगार मिलेगा। प्रदेश को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने का मुख्य उद्देश्य घरेलू दवा निर्माण में बढ़ावा और दवा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले साल्ट भी अब यहीं पर बनाये जायेंगे जिससे चीन पर निर्भर ना होना पड़े।
इसी महीने बाथू में शुरू होगा कार्यालय
जानकारी के मुताबिक, बल्क ड्रग फार्मा पार्क को बनाने के लिए इसी महीने बाथू में कंपनी का कार्यालय शुरू कर दिया जाएगा। इसी कार्यालय से निर्माण कार्य की पूरी देखरेख होगी। मौजूदा समय में फार्मा पार्क का काम शिमला से देखा जा रहा है। बाथू में ऑफिस खुलने से काम में आसानी होगी।