लव मैरिज को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। ग्वालियर खंडपीठ ने कहा कि सिर्फ माला पहनने से शादी नहीं हो जाती। उसके लिए पूरे विधि-विधान के साथ अग्नि के 7 फेरे लेने जरूरी हैं। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी आर्य समाज मंदिर में शादी करने का दावा कर रहे मुरैना के कपल की सुनवाई के दौरान की। कपल ने शादी के बाद हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगी थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को खारिज किया जाता है। क्योंकि, इसमें एक भी ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे पता चले कि प्रेमी-प्रेमिका को धमकी मिली है या वे पुलिस के पास गए। गौरतलब है कि मुरैना निवासी 23 साल के लड़के ने 21 साल की लड़की के साथ 16 अगस्त को ग्वालियर के लोहा मंडी किलागेट स्थित आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज की। आर्य समाज ने इस मैरिज का सर्टिफिकेट भी दिया। इसके बाद दोनों ने हाई कोर्ट में अपनी सुरक्षा को लेकर एक याचिका दायर की थी। इस दौरान याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि दोनों ने लव मैरिज की है। दोनों के परिजन झूठी शिकायतें कर रहे हैं, जिन पर कार्रवाई न की जाए। वैवाहिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए उनको सुरक्षा प्रदान की जाए। उनकी जान को लोगों से खतरा है।
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कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज की याचिका
शासकीय अधिवक्ता दीपक खोत ने इस याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने इसके लिए किसी भी थाने में आवेदन नहीं दिया है। उन्हें किससे खतरा है, किसने धमकी दी है, कौन परेशान कर रहा है? यह भी नहीं बताया है। सीधे कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है, इसलिए यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं लगती। पूरी सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।