उत्तर प्रदेश के मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान मामले की सुनवाई 10 दिसबंर तक के लिए स्थगित कर दी है। अदालत ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि विराजमान के वाद में प्रतिवादी आज जिला जज की अदालत में हाजिर नहीं हुए। बता दें कि इस मामले में श्रीकृ़ष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट और ईदगाह ट्रस्ट के पदाधिकारी प्रतिवादी बनाए गए हैं।
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान द्वारा अपनी जन्मभूमि पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा किया गया था, जिसकी सुनवाई में दावा दाखिल नहीं हुआ था। इसके बाद अधिवक्ताओं ने जिला जज की अदालत में दावा पेश किया, जहां इसे स्वीकृति मिल गई। अदालत ने विपक्षीगण श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान सचिव तथा प्रबंध न्याची श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट तथा ईदगाह ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया था।
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क्या है पूरा मामला?
वादी के अधिवक्ताओं का दावा है कि जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का है, जबकि 12 अक्टूबर, 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से कर लिया। इस जमीन पर अतिक्रमण कर मस्जिद बनाई गई है। अपील में समझौते को रद्द करने की मांग के साथ 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक मांगा गया है।