सुप्रीम कोर्ट : 2 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। यह सुनवाई चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि इसमें जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के फैसले को बहाल करने के सा संवैधानिक बेंचथ ही आर्टिकल 370 और 35ए को बहाल करने की मांग शामिल है। केंद्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें धारा 370 हटाने के बाद आए बदलावों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में और भी 10 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं।
यह मामला बड़ी संवैधानिक बेंच को नहीं करेंगे ट्रांसफर
आपको बता दे, यह मामला सुप्रीम कोर्ट की संविधानिक पीठ में पहले भी सुनवाई की गई थी, लेकिन उस समय 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने यह फैसला किया था कि वे यह मामला बड़ी संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर नहीं करेंगे। जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले में अपनी मजबूती के साथ उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द सुनवाई करेगा और चुनाव भी आयोजित होंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का एक अहम हिस्सा है और यहां की हालत के बारे में चर्चा होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में है ये दावा
इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में यह दावा किया है कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद से आतंकवादी और अलगाववादी नेटवर्क पर लगाम लगी हुई है। उन्होंने इस दावे को समर्थन करने के लिए साल 2018 में हुई पत्थरबाजी की घटनाओं के उदाहरण दिए और बताया है कि साल 2018 में लगभग 1767 पत्थरबाजी की घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं, जबकि इस साल ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार किसकी है और यह बात सभी को पता होनी चाहिए।
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