अयोध्या में राम मंदिर के 500 मीटर की परिधि में आने वाले इलाके को अब निषिद्ध क्षेत्र के तौर पर जाना जाएगा. इस इलाके में धार्मिक गतिविधियों को छोड़कर अन्य कोई गतिविधियां नहीं की जा सकेंगी. अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि राम मंदिर के 500 मीटर की परिधि में आने वाले इलाके को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अब सिर्फ धार्मिक गतिविधियों की ही इजाजत होगी, अब यहां कोई भी वाणिज्यिक या अन्य गतिविधियां नहीं की जा सकेंगी.
उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता पर रखने और राम मंदिर की धार्मिक पवित्रता बनाये रखने के मद्देनजर मंदिर के आधा किलोमीटर की परिधि में आने वाले क्षेत्र को पूरी तरह से धार्मिक रंग में रखने का निर्णय लिया गया है.सिंह ने बताया कि राम मंदिर की भव्यता और दिव्यता को संरक्षित करने के लिये निषिद्ध मंदिर क्षेत्र बनाया गया है और इस क्षेत्र में इमारतों की अधिकतम ऊंचाई साढ़े सात मीटर ही हो सकेगी.
उनके अनुसार मास्टर प्लान 2031 के तहत निर्मित क्षेत्र का भी निर्धारण किया गया है, जैसे कि पुराने शहर और उसके आसपास के इलाकों में इमारतों की ऊंचाई 15 मीटर तय की गयी है. उन्होंने कहा कि पुराने शहर के इलाकों में सड़कें कम चौड़ी हैं, ऐसे में अगर यहां बड़ी इमारतें बनायी गयीं तो इससे पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं तो होंगी ही, साथ ही साथ क्षेत्र के लोगों को भी अनेक समस्याएं होंगी. सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान 2031 के मुताबिक बाजार क्षेत्र का अंकन पुराने शहरी इलाकों के बाहर बनी मुख्य सड़कों पर किया गया है.
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उनके मुताबिक देवकाली तिराहे से अम्बेडकर नगर मार्ग पर दर्शन नगर तक, इलाहाबाद राजमार्ग पर स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम से लेकर रायबरेली मार्ग स्थित मौशीवाला तक और सादतगंज हनुमानगढ़ी से लेकर घाटमपुर गांव की अंतिम सीमा तक को बाजार क्षेत्र के तौर पर चिह्नित किया गया है. उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के बाद इन क्षेत्रों में बनी वाणिज्यिक इमारतों के विनियमितीकरण का रास्ता भी साफ हो जाएगा. सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान में जल कार्ययोजना और जल संतुलन योजना को भी शामिल किया गया है ताकि लोगों को चौबीसों घंटे पीने का पानी मिल सके.