प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आगामी 24 जून को जम्मू-कश्मीर को लेकर बुलाई गई महाबैठक इन दिनों सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, केंद्र सरकार की इस प्रस्तावित महाबैठक को लेकर अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। इसी क्रम में इस महाबैठक से पहले मंगलवार को श्रीनगर में गुपकार संगठन की बैठक हुई। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 और 35ए को लेकर नई रणनीति तैयार की गई।
महाबैठक को लेकर फारुख अब्दुल्ला ने दिया बयान
हुई इस बैठक के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने बताया कि हम प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होंगे, मीटिंग के बाद श्रीनगर और दिल्ली में मीडिया से बात की जाएगी। हमारा एजेंडा सभी को मालूम है और वही रहेगा। गुपकार ग्रुप के अन्य नेताओं ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के सामने बात रखने का मौका मिला है। हम अपनी आवाम की बात को उनके सामने रखेंगे, हम सितारे नहीं मानेंगे बल्कि वही मांगेंगे जो हमारा है।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद गुपकार संगठन का उदय हुआ है, जिसमें नेशनल कांफ्रेस और पीडीपी सहित जम्मू-कश्मीर के कुछ सात राजनीतिक पार्टियां सदस्य है। गुपकार संगठन के नेता मुजफ्फर शाह का कहना है कि हम लोग प्रधानमंत्री के न्योते को लेकर चर्चा करेंगे। साथ ही 35ए, 370 को लेकर भी बात होगी और कोई फैसला किया जाएगा।
पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई महाबैठक के लिए अभी तक केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के कुल 16 नेताओं को न्योता भेजा गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 जून को बुलाई गई महाबैठक में शामिल होने को कहा गया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370, 35ए हटने के बाद केंद्र द्वारा राज्य के नेताओं द्वारा संवाद की ये सबसे बड़ी पहल है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली मीटिंग में लद्दाख के स्थानीय नेताओं को भी बुलाया गया है। अब 370 को हटाए हुए दो साल पूरे होने को हैं, ऐसे में लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिल सकता है या चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। हालांकि, ये सभी सिर्फ अटकलें हैं कोई ठोस बात सामने नहीं आई है।