अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से वहां के हालात बदतर बने हुए हैं। भारत सरकार ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए आज सर्वदलीय बैठक की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बैठक की अगुवाई की।
अफगानिस्तान के हालातों पर सर्वदलीय बैठक
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान अपनी हुकुमत का एलान कर चुका है। ऐसे में अफगानिस्तान के लोग लगातार देश छोड़कर भाग रहे हैं। भारत की ओर से भी अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों का लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है। इसी बीच भारत सरकार की ओर से सभी दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक की अगुवाई विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में विदेश मंत्रालय की टीम ने सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान की स्थिति की जानकारी दी।
विपक्षी नेताओं ने की विदेश मंत्री की तारीफ
बताया जा रहा है कि बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान से भारत को लोगों को निकालने पर फोकस होने की बात कही है। दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ की और अफगानिस्तान के हालात पर उठाए गए कदमों को लेकर सरकार के काम की भी सराहना की। बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी दी और सवालों का जवाब दिया।
भारत सरकार के 6 मंत्री बैठक के लिए पहुंचे
अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों पर चल रही इस सर्वदलीय बैठक में भारत सरकार के 6 मंत्री मौजूद रहे। सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल, विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरण और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल शामिल हुए। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने भी इस बैठक में प्रेजेंटेशन दी। सरकार की ओर से बताया गया है कि अफगानिस्तान में भारत सरकार की हेल्प डेस्क पर करीब 15 हज़ार लोगों ने संपर्क किया। पूरी दुनिया अभी भी तालिबान को लेकर वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपना रही है, भारत भी अभी इस मोड में है।
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बैठक में विपक्ष के कई नेताओं ने हिस्सा लिया
विपक्ष की ओर से शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी जैसे नेता और अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों ने मीटिंग में हिस्सा लिया। बता दें कि भारत की ओर से अफगानिस्तान से लगातार लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है। भारत पहले ही अपने दूतावास के लोगों को वहां से निकाल चुका है, अब वहां फंसे भारतीयों को निकालने पर फोकस है। अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान जारी है और भारत अब तक सिख और हिंदू समुदाय के अफगान समेत करीब 800 से ज्यादा लोगों को वापस ला चुका है। मंगलवार को तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे के रास्ते अफगनिस्तान से 78 भारतीय और अफगानी नागरिकों को दिल्ली लाया गया था।