प्रयागराज। संगम नगरी में चल रहे महाकुंभ 2025 में मंगलवार को मशहूर उद्योगपति गौतम अदाणी पहुंचे। उन्होंने संगम तट पर पूजा-अर्चना की और त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। इसके साथ ही गौतम अदाणी इस्कॉन पंडाल में आयोजित भंडारे में सेवा देंगे।
इस साल अदाणी समूह ने इस्कॉन और गीता प्रेस के साथ मिलकर महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए कई सेवाएं शुरू की हैं। रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं को निशुल्क महाप्रसाद वितरित किया जा रहा है। अदाणी समूह के सहयोग से इस्कॉन के योगेंद्र प्रभु के नेतृत्व में महामंत्र कीर्तन का आयोजन भी हो रहा है।
सेक्टर नंबर-18 स्थित इस्कॉन वीआईपी टेंट में गौतम अदाणी की अगवानी के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। वहां हजारों भक्त महाप्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार, अदाणी समूह की यह पहल सराहनीय है और अन्य उद्योगपतियों को भी ऐसे धर्मार्थ कार्यों में योगदान देना चाहिए।
यूपी के जौनपुर से आए अंकित मोदनवाल ने कहा, “गौतम अदाणी और उनकी टीम ने महाप्रसाद की बेहतरीन व्यवस्था की है। भोजन की गुणवत्ता उच्च स्तर की है और यह सेवा पूरी तरह निशुल्क है। इस तरह के कार्य सनातन धर्म की सेवा को बढ़ावा देते हैं।
जमशेदपुर से आए एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “पहले खाने को लेकर परेशानियां थीं, लेकिन अब अदाणी और इस्कॉन ग्रुप की वजह से सब कुछ व्यवस्थित हो गया है। खाने में कई प्रकार के पकवान बनाए जा रहे हैं। अदाणी जैसे उद्योगपतियों को इस तरह के धार्मिक आयोजनों में और अधिक सक्रियता से भाग लेना चाहिए।
दिल्ली की सीता देवी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, अदाणी ग्रुप और इस्कॉन के सहयोग से भगवान का भोग वितरण बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है। यह सेवा अद्वितीय है। साथ ही भगवत गीता और धार्मिक ग्रंथों का भी वितरण हो रहा है।”
गोपाल गुड़िया, जो दिल्ली से सेवा के उद्देश्य से आए हैं, ने कहा, “यहां सब कुछ साफ-सुथरे तरीके से हो रहा है। भगवान को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया जा रहा है। यह सेवा प्रेरणादायक है।”
गौतम अदाणी के महाकुंभ में आने और भंडारा सेवा करने की खबर ने श्रद्धालुओं में उत्साह बढ़ा दिया है। अदाणी ग्रुप न केवल महाप्रसाद का वितरण कर रहा है, बल्कि जरूरतमंदों और दिव्यांगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल भी उपलब्ध करा रहा है।
महाकुंभ 2025 का यह आयोजन 26 फरवरी तक चलेगा, और इस दौरान लाखों श्रद्धालु अदाणी समूह और इस्कॉन की इस सेवा का लाभ उठाएंगे। श्रद्धालुओं का कहना है कि ऐसे धार्मिक और समाजसेवा के कार्य सनातन धर्म को मजबूती देते हैं।