फ्रांसीसी राजदूत को देश निकाला दिए जाने के बाद पाकिस्तानी संसद के विशेष सत्र को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया है। संसद शुरू होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप के चलते बवाल मच गया। बढ़ते तनाव को देखते हुए स्पीकर ने संसद की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।
फ्रांसीसी राजदूत की वजह से विपक्ष ने बोला हमला
फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित किए जाने के प्रस्ताव को पाकिस्तान सरकार ने खुद संसद में पेश किया। इसे विपक्षी दलों समेत कई कट्टरपंथी और धार्मिक संगठनों ने समर्थन दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी सत्र के दौरान यह प्रस्ताव पाकिस्तानी संसद में आसानी से पारित हो जाएगा। उधर, धर्म की राजनीति करने वाले इमरान खान कट्टरपंथी संगठनों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री (गृहमंत्री) शेख राशिद अहमद ने ऐलान किया था कि सरकार आज नेशनल असेंबली में फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर प्रस्ताव पेश करेगी। इसका फैसला राशिद अहमद और पाकिस्तान की सड़कों पर गदर मचाने वाली तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के साथ हुई हाल की बातचीत के दौरान किया गया था। इसके लिए पाकिस्तानी संसद के एक विशेष सत्र को आज दोपहर तीन बजे बुलाया गया।
टीएलपी ने पाकिस्तानी पुलिस के 11 जवानों और अधिकारियों को अपहरण कर लिया था। जिसे छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी गृहमंत्री को प्रतिबंधित संगठन के लोगों से बात करनी पड़ी थी। इसी बातचीत के दौरान शेख राशिद अहमद ने संसद में जल्द से जल्द फ्रांसीसी राजदूत को निकालने का प्रस्ताव पेश करने का भरोसा दिया था।
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शेख राशिद ने कहा कि बातचीत के दौरान तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों को बंद करने पर सहमति जताई है। जिसके बाद सरकार और इस कट्टरपंथी संगठन के बीच बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ चौथी अनुसूची के तहत दर्ज मामलों को भी वापस लेने का ऐलान भी किया है।