महाराष्ट्र में चार पीएफआई कार्यकर्ता गिरफ्तार, सपा सांसद बोले- आरएसएस पर भी लगे बैन

महाराष्ट्र में एटीएस ने पनवेल से चार पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। ATS ने पीएफआई के पनवेल सचिव और प्रतिबंधित संगठन के दो अन्य सदस्यों को पनवेल में उनकी बैठक की सूचना मिलने के बाद गिरफ्तार किया। एटीएस ने जानकारी दी कि आतंकवाद निरोधी दस्ता फिलहाल इस मामले की जांच कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने पीएफआई सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद आरएसएस पर बैन लगाने की मांग की है।

एटीएस ने बताया कि महाराष्ट्र एटीएस को पनवेल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों की एक बैठक की खुफिया जानकारी मिली थी। जिसके बाद एटीएस ने एक्शन लिया और पीएफआई के चार सदस्यों को पनवेल से गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने पीएफआई को टेरर लिंक के आरोप में पांच साल के लिए बैन कर दिया था।

आरएसएस पर भी लगे बैन: वहीं, दूसरी ओर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने PFI पर लगाए गए बैन पर बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएफआई कोई आतंकी संगठन नहीं बल्कि यह एक संवैधानिक पार्टी है और इस पर बैन लगाने का मुझे कोई मतलब नहीं नजर आता। अगर पीएफआई पर बैन लगता है तो आरएसएस जैसे संगठनों पर भी बैन लगाया जाना चाहिए। बर्क ने आरोप लगाया कि मुसलमानों की आवाज को दबाने के लिए बीजेपी ने PFI को बैन किया है, लेकिन इससे वो झुकने वाले नहीं हैं बल्कि उनकी आवाज और बुलंद होगी।

संघ गैर जिम्मेदाराना बातें करता है: शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि आरएसएस मुसलमानों पर अत्याचार करती है और मुसलमानों का कत्लेआम करने की बात करती है इसके बावजूद भी कभी सरकार ने संघ पर बैन नहीं लगाया। उन्होंने कहा, “धर्म संसद के दौरान मुस्लिमों का कत्लेआम करने की बात कही गई थी। लेकिन फिर भी बीजेपी वाले इसपर खामोश रहे। संघ ऐसी गैर जिम्मेदाराना बातें करता है जिससे देश में नफरत का माहौल पैदा होता है लेकिन फिर भी सरकार उन पर कोई एक्शन नहीं लेती।” बर्क ने कहा कि पीएफआई पर लगाए गए आरोप झूठ है या सच है यह तो अल्लाह ही जानता है।

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पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां: इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस ने राज्य के अनेक जिलों में छापेमारी के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 25 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा था कि पीएफआई पर कार्रवाई उनकी गतिविधियों के मामले में जांच पर आधारित कानूनों और सबूतों के अनुरूप है।

पिछले महीने NIA और ED ने पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें देश के 8 राज्यों से 172 पीएफ़आई कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया गया है। दिल्ली के शाहीन बाग में NIA की रेड में पीएफ़आई से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया गया था।