लातूर: देश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने आवास ‘देवघर’ में सुबह करीब 6:30 बजे अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से पाटिल अस्वस्थ चल रहे थे और घर पर ही उनका उपचार जारी था। परिवार के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा।
शिवराज पाटिल भारतीय राजनीति का वह नाम रहे, जिन्होंने आधी सदी से अधिक समय तक अलग-अलग भूमिकाओं में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। वे लातूर लोकसभा सीट से सात बार सांसद चुने गए और इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के बेहद करीबी सहयोगियों में शुमार रहे।
1980 के दशक में उन्होंने केंद्र में रक्षा मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। 1991 से 1996 तक वे 10वीं लोकसभा के स्पीकर रहे। इसके बाद 2004 से 2008 तक उन्हें देश के गृह मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दौरान सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय उनके बार-बार ड्रेस बदलने को लेकर काफी विवाद भी खड़ा हुआ था।
पाटिल ने अपनी आत्मकथा ‘Odyssey of My Life’ में अपने राजनीतिक जीवन, गृह मंत्रालय, नक्सलवाद और आतंकवाद पर विस्तृत चर्चा की है, लेकिन 26/11 हमले का उल्लेख उन्होंने नहीं किया।
राजनीतिक सफर की शुरुआत से शीर्ष पदों तक की यात्रा
12 अक्टूबर 1935 को जन्मे शिवराज पाटिल ने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1966–1970 में लातूर म्युनिसिपैलिटी के प्रेसिडेंट के रूप में की। बाद में वे MLA, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और स्पीकर बने। उन्होंने राज्यसभा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वे पंजाब के राज्यपाल और 2010 से 2015 तक चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर भी रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि शिवराज पाटिल एक अनुभवी, सरल और समर्पित नेता थे, जो सदैव समाजहित के लिए कार्य करते रहे। पीएम ने बताया कि हाल ही में उनकी पाटिल से मुलाकात भी हुई थी।
शिवराज पाटिल के निधन के साथ भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत हो गया है।
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