असम के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके तरुण गोगोई हमारे बीच नहीं रहे। कोरोना संक्रमण से ग्रसित तरुण गोगोई की सोमवार की शाम 5 बजकर 34 मिनट पर मौत हो गई। वे पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस से जूझ रहे थे। गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। उनकी मौत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शोक प्रकट किया है।
तरुण गोगोई के शरीर में जमा हो गया था टाक्सिन
बताया जा रहा है तरुण गोगोई का रविवार को 6 घंटे तक डायलिसिस किया गया था। इसके बावजूद शरीर में फिर से टॉक्सिन जमा हो गए। हालांकि, उनका शरीर इस स्थिति में नहीं था कि उनका दोबारा डायलिसिस किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तरुण गोगोई की मौत पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि तरुण गोगोई जी एक लोकप्रिय नेता और एक वयोवृद्ध प्रशासक थे, जिन्हें असम के साथ-साथ केंद्र में भी राजनीतिक अनुभव था। उनके निधन से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरे विचार उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। शांति।
इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनके निधन को एक युग का खत्म होना करार दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री, एक लंबे नेता और हमारे सबसे सम्मानित तरुण गोगोई दा के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। यह असम के सार्वजनिक जीवन में एक युग का अंत है। वह कुछ दिनों पहले तक इतना जीवंत और भरा हुआ था, इस दुख पर विश्वास नहीं कर सकता था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गोगोई के निधन शोक जताते हुए कहा कि तरुण गोगोई एक सच्चे कांग्रेसी नेता थे। उन्होंने अपना जीवन असम के सभी लोगों और समुदायों को एक साथ लाने के लिए समर्पित कर दिया। मेरे लिए, वह एक महान और बुद्धिमान शिक्षक थे। मैं उन्हें बहुत प्यार करता था और उनका सम्मान करता था। मैं उन्हें याद करूँगा। मेरा प्यार और गौरव और परिवार के प्रति संवेदना।
आपको बता दें कि गोगोई 2 नवंबर से अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार को हालत बिगड़ने पर वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। 25 अगस्त को उन्हें कोरोना संक्रमण का पता चलने पर अगले दिन गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। कोरोना के चलते दूसरे कॉम्प्लिकेशंस होने की वजह से उन्हें 2 महीने अस्पताल में रखने के बाद 25 अक्टूबर को छुट्टी दी गई थी।