नयी दिल्ली । भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज (शुक्रवार) से मालदीव के दौरे पर जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के रास्ते तलाशना है। मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और हमारे विज़न ‘सागर’ यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
कल विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में बताया गया कि भारत के विदेश मंत्री (ईएएम) डॉ. एस जयशंकर 09-11 अगस्त 2024 तक मालदीव की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद मुइज़ू की हाल ही में नई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए भारत की यात्रा के बाद हो रही है। विदेश मंत्री ने इससे पहले जनवरी 2023 में मालदीव का दौरा किया था।
मंत्रालय ने कहा, मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और हमारे विजन ‘सागर’ यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के लिए रास्ते तलाशना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह यात्रा राष्ट्रपति मुइज़ू के तहत मालदीव की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के बाद हो रही है, जिन्होंने भारत के साथ देश के संबंधों को फिर से व्यवस्थित करने की मांग की है। “इंडिया आउट” अभियान पर राष्ट्रपति पद जीतने वाले मुइज्जू द्वारा मालदीव को भारत से दूर करने और चीन के साथ घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। मुइज़ू की शुरुआती कार्रवाइयों में से एक अभियान के प्रमुख वादे को पूरा करते हुए मालदीव क्षेत्र से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी थी।