लखनऊ। योगी सरकार ने सोमवार को विधान मंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। प्रदेश के इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट पेश किया है। ये अब तक का सबसे बड़ा बजट है।
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कोरोना संक्रमण काल में अनुशासन, संयम और कर्मठता का उदाहरण किया प्रस्तुत
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2020 पूरे विश्व के लिए अत्यंत चुनौती भरा वर्ष रहा। विश्व की महाशक्ति कहे जाने वाले देशों की चिकित्सा व्यवस्था और अर्थव्यवस्था वैश्विक महामारी के समक्ष असहाय दिखी। भय, मत्यु और लाचारी, अंधकार भरे काल में भारत के नेतृत्व और भारत की जनता ने पूरे विश्व के समक्ष अनुशासन संयम और कर्मठता का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में जनप्रतिनिधियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मियों, पुलिस बल, सरकारी कर्मचारियों और जन सामान्य ने कोरोना की विभीषिका के समक्ष जिस एकजुटता और जुझारूपन का परिचय दिया उसका वर्णन शब्दों में किया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी के कुशल नेतृत्व में महामारी को परास्त करने के लिए सभी डटे रहे
वित्त मंत्री ने कहा, ‘यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग जलता है।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश का चिकित्सा तंत्र, पुलिसकर्मी, परिवहन सेवाएं, खाद्य एवं आपूर्ति सेवाएं तथा अन्य सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में इस महामारी को परास्त करने के लिए डटे रहे। संक्रमण की रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अक्षरश: पालन कराया गया। देश की आबादी का छठवां हिस्सा उत्तर प्रदेश में निवास करता है, ऐसी स्थिति में प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने की चुनौती और भी अधिक हो जाती है।
सरकार ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए लॉकडाउन से पूर्व ही बनायी कार्ययोजना
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए देशव्यापी लॉकडाउन से पूर्व में ही जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराने का विचार करने के लिए मार्च 2020 में मंत्री परिषद की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति द्वारा संभावित परिस्थितियों का आकलन करते हुए जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराए जाने की वृहद कार्ययोजना सहित अपनी रिपोर्ट लॉकडाउन से पूर्व ही प्रस्तुत कर दी गई।
20 लाख से अधिक श्रमिकों को दी आर्थिक सहायता
उन्होंने कहा कि कार्य योजना को मूर्त रूप प्रदान करते हुए राज्य के श्रम विभाग में पंजीकृत लगभग 20 लाख श्रमिकों को प्रति श्रमिक एक-एक हजार की दर से भरण पोषण सहायता की उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही शहरों में स्ट्रीट वेंडर, ठेला खोमचा, साप्ताहिक बाजार आदि के दिहाड़ी मजदूरों, पल्लेदारों का डाटा तत्परता से तैयार करते हुए इनको भी सहायता प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से असहाय व्यक्तियों को चिह्नित करते हुए प्रति व्यक्ति एक-एक हजार की सहायता प्रदान की गई। इसी दौरान अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को मनरेगा से जोड़कर सहायता प्रदान की गई। कुल 54 लाख से अधिक व्यक्तियों को भरण-पोषण सहायता प्रदान की गई।
किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। सड़क हादसे में मरने वाले किसानों को पांच लाख की आर्थिक मदद दी गई। इसी तरह मुख्यमंत्री अभ्योदय योजना शुरू की गई। हर घर में जल, बिजली और बैंकिंग की सुविधा मिलेगी। महिला सुरक्षा के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
युवाओं और रोजगारों को समर्पित है बजट, हर महिला को दे रहे सुरक्षा
उन्होंने कहा कि 2020-21 का बजट युवाओं और रोजगारों को समर्पित है। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का भुगतान किया गया। प्रदेश की हर महिला को सुरक्षा दे रहे हैं। अपराधियों पर सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है। पांच करोड़ बारह लाख छात्रों को डेबिट कार्ड मिले। उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है। शिकायतों का तेजी से निपटारा किया जा रहा है। किसानों के खातों में 6,800 करोड़ से ज्यादा रुपये भेज गए।
इसके साथ ही सरकार ने हर वर्ग को राहत देने के लिए बजट में कई अहम प्रावधान किये हैं। विकास से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जहां धनराशि की व्यवस्था की है, वहीं स्वास्थ्य सेक्टर को लेकर भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके अलावा कृषि, रोजगार सहित अन्य सेक्टर को लेकर भी बजट में धनराशि का इंतजाम किया गया है।